पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२१६

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कफ ( २०६ कफः ( पु० ) श्लेष्मा | बलाम । अरिः, (पु० ) सोंठ | फूचिका, (खो०) थूक । खखार 1- क्षयः, ( पु० ) सय रोग-ध्र. नाशन, हर, (वि० ) कफनाशक ज्वरः, ( पु० ) कफ की वृद्धि या कफ के विकार से उत्पन्न ज्वर कफल ( चि० ) कफ प्रकृति का कफिन् (वि० ) [ स्टी० कफिनी] कफ की वृद्धि से | कमलः ( पु० ) सारस पक्षी । २ हिरन विशेष | पीड़ित फफीला । 1 कमलकम् ( न० ) एक छोटा कमल | कर्बुधः--कबन्धः (पुः } } सिर रहित धड़ कबंधम् कवन्धम् ( न० ) ) ( विशेष कमला बी०) १ लक्ष्मीजी की उपाधि । २ सर्वोतम स्त्री-पतिः, सखः (पु०) विष्णु की उपाधि | कमलिनी ( श्री० ) १ कमल का पौधा । २ कमल समूह ३ वह स्थान जहाँ फसलों का बाहुल्य हो । कमा (स्खी०) सौन्दर्य कमनीयता । कामितु ( चि० ) कामासक कामुक । कर वह } धड़ जिसमें प्राण बाकी हों। ) ( पु० ) पेट २ बादल। ३ धूमकेतु । ४ राहु का नाम |२|कंप है। घा० आरम० ) { कंपते, कंपित ] हिलना । जल । ६ श्रीमद्भाल्मीकि रामायण में वर्णित राक्षस कम्प् विशेष, जिसे श्रीरामचन्द्र जी ने मारा था।

कविथः ( पु० ) कैथा का पेड़। काँपना अस्थराना है धूमना फिरना । कंपः कम्पः (पु०) हे थरथरी कपकपी । --अन्वित, कंपा, कम्पा (स्त्री०) :) (वि०) थरथराने वाला। श्रान्दो- लित। उह्निम-लक्ष्मन् ( पु०) वायु पचन | कंपन ) ( वि० ) थरथराने वाला काँपने वाला। कम्पन हिलने वाला। कफणिः कफोणिः > (स्त्री०) कुहनी | कफी ) कम्बलः का नाम - ईक्षणा, ( वि० ) कमल जैसे नेत्रों वाली (स्त्री)। उत्तरं, (न० ) कुसुम पुष्प -खण्डम् (न०) कमल समूह /-जः, (पु०) १ अक्षा की उपाधि । २ रोहिणी नक्षत्र---अम्मन, ( पु० ) -भवः -योनिः, सम्भवः, ( 30 ) महा की उपाधियाँ, कम् ( घा० आमा० ) [ कामयते, कामित, कान्त ] १ प्यार करना आसक्त होना २ उत्कण्ठित होना। अभिलाषा करना। इच्छर करना । कमठः (१० ) 1 फछुआ । २ बाँस | ३ घड़ा | | कंपनः ) (पु०) शिशिरऋतु । नवंबर और दिसंबर का कम्पनाः) मास । -पतिः, (पु० ) कब्रुवों का राजा कमठी (स्त्री० ) १ कई या छोटा कटुवा कमण्डलु. कमण्डलुः (पु० ) मिट्टी या लकी का जलपात्र | धरः ( पु० ) शिवजी का नाम । कमन ( वि० ) १ विषयी । लम्पट २ सुन्दर मनोहर । कमनः ( पु० ) कामदेव | २ अशोक बृष ३ ब्रह्मा [ प्रिय का नाम । कमनीय (वि० ) १ वान्छनीय २ मनोहर सुन्दर कमर ( वि० ) कामासक्त । उत्सुक थरथरी कंपनम् (न०) कम्पनम् ) विशेष । गिरकिरी । कंपाकः ( पु० ) वायु | पवन कम्पाकः कंप्र 2 कंपकपी । २ उच्चारण कंच कम्व् ) कंबर कम्बर ( वि० ) फांपने वाला। हिलने वाला। ( भा० परस्मै०) [ कंवति, कंबित ] जाना | हिलना। ( वि० ) चित्रविचित्र | रंगबिरंगा | कंबरः ) ( 50 ) रंगबिरंग रंग का चितकबरे रंग कम्बर का। कम ( न० ) १ कमल १२ जल ३ ताँचा ४ धर्कविशेष 1 दवाविशेष २ सारस पक्षी ६ कंबलः ? (पु०) १ ऊनी कंबल । २ गलथ्या गौ की सूत्रस्थली। अती (बी० ) कमल जैसे नेत्रों ) कम्वलः । गरदन के नीचे का लटकता हुआ मांस । वाली स्त्री व्याकरः, (पु०) १ कमल समूह | २ कमल परिपूर्ण सरोवर। आलया, (खी०) लक्ष्मी जी का नाम | आसनः ( पु० ) बझा हंगा ३ हिरन विशेष उनी वस्त्र जो ऊपर से पहिना जाय। १ दीवाल 1- वाह्यकं ( न० ) पहली जिस पर ऊनी पर्दा पढ़ा हो। सं० श० ० - २७