पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५७६

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भाज्ञ ( ५६६ २ एक ! प्राज्ञ ( पु० ) बुद्धिमान धार विद्वान् नर जाति विशेष का तोता या सुगा प्राज्ञा (खी० ) १ बुद्धि समझ २ चतुर या बुद्धिमती स्त्री । प्राज्ञी (स्त्री० ) १ चतुर या बुद्धिमती स्त्री | २ विद्वान की स्त्री | ३ सूर्यपत्नी | प्राज्य (वि० ) १ प्रचुर अधिक बहुत २ बड़ा | संवा आवश्यक | प्रांजल ) ( वि० ) प्राञ्जल ) सच्चा | भाजलि } (दि० ) अञ्जलिबद्ध । प्रांजलिक, प्राञ्जलिक भंजलिन्, प्राञ्जलिन् । देखा प्रांजलि | प्राणः (०) सीधा सरल | ईमानदार | । । स्वांस स्वांस प्रवास | २ प्राणवायु । शरीर की वह हवा जिससे वह जीवित कहलाता है।३ शरीरस्थित पञ्चप्राणवायु | पवन | वायु । ५ बल शक्ति पौरप ६ जीव या यात्मा। ७ परमझ ८ इन्द्रिय | प्राण समान प्रिय कोई पदार्थ या व्यक्ति प्रेमपात्र | माथूक | १० कविश्व शक्ति या प्रतिभा प्रत्यादेश ११ उच्चा- भिलाष १२ पाचनशक्ति । १३ समय का मान विशेष | १४ गोंद । लोवान अतिपातः, 1 ( पु० ) जोव की हत्या या बध-प्रत्ययः, ( पु० ) जीवन की हानि |-अधिक, (वि० ) १ प्राण से भी अधिक प्रिय २ शक्ति या बल में उत्कृष्टतर अधिनाथः, ( पु० ) पति - अधिपः, ( पु० ) जीव । घरमा /- 1-अन्तः, ( पु० ) मृत्यु । मौत ।अन्तिका ( पु० ) ● १ मरणशील २ यावजीवन जीवन के साथ अन्त होने वाला ३ सब से यह कर (फाँसी या सज्ञा, 1- अन्तिकं, ( न० ) हत्या - अपहारिन्, ( वि० ) साङ्घातिक । प्राणनाशक । ~~आघातः (पु०) प्राण का नाश या विनाश | -आचार्यः (पु० ) राजवैय। शादी हकीम -श्राद, (वि० ) प्राणनाशक ।-आबाघः, ( पु० ) जीवन के लिये अनिष्टकर।-आयामः, ( पु० ) योग शास्त्रानुसार योग के आठ बैंगों में से बौधा धँग /- ईश्वर, (पु० ) प्यार करने ) प्राण दाला । प्रेमी । आशिक । पति:--- ईश्वरी, (स्त्री० ) पली। प्रेयसी (कम ( न० ) - उत्सर्गः, ( पु० ) मृत्यु करा | सौत। --उपहारः (g० ) भोजन | - ( न० ) जीवन का सङ्कट या खतरा-घातक. ( वि० ) जीवन नाशक /-झ, (वि० ) जीवन नाशकारी~छेदः ( पु० ) हत्या | ( पु० ) आत्महत्या | खुदकुशी | २ थाई (२० ) १ खून | -दक्षिणा (श्री० ) त्या मृत्यु मौरु लोहू । २ जख । पानी जीवन दान दगु • - दयितः, ( पु० ) 1 1 (पु० ) फाँसी की सज़ा । पति । स्वानी -दानं, (न. ) जीवनदान | किसी को मरने से बचाना। ~द्रोहः (पु० ) किसी को मार डालने की बेष्टा /-धारा ( पु० ) जीवधारी (-धारणम्, ( न० ) ३ जीवन धारण करने का भाव जीवन निर्वाह २ जीवनी शक्ति - नाथः, ( पु० ) १ प्रिय व्यक्ति प्रेमी पति | २ यम का नामान्तर 1-निग्रहः, ( पु० ) मायायाम | स्वस को रोकना या बंद कर लेनापतिः, ( पु० ) १ प्रेमी। पति । २ जीव । आत्मा - परिक्रयः, (पु० ) जीवन को दाँव पर लगाना। अथवा जीवन की बाजी लगाना या जान को खतरे में डालना -परिग्रहः ( पु० ) प्राण धारण । जीवन अस्तित्व ---प्रद. ( वि० ) जीवनदासा । प्रयाणं, ( न० ) मृत्यु - - प्रियः, ( ५० ) जो प्राय के समान मिश्र हो। प्रियतन। पति भन्न. ( वि० ) पवन पीकर जीवित रहने वाला। -भास्वत् ( पु० ) समुद्र । -भुतू. ( पु० ) जीवधारी 1 - मोक्षणं, ( न० ) १ मृत्यु | मरण | २ आत्मधान/~-यात्रा, (श्री०) वे व्यापार जिनसे मनुष्य जीवित रहे। भाजी- विका 1- योनिः, ( श्री० ) जीवन का आदि कारण /- रन्धं, ( न० ) १ मुख | मुँह | २ नाक के नयना। ~~-रोक, (१०) प्राथायाम २ जीवन के लिये - - विनाशः - विलषः, है वियोगः (पु० ): । मृत्यु | मौ सं० श० कौ०-७२ मौव ( पु० ) मृत्यु | जीव का शरीर से विच्छेद