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सर्गः श्लोकः सर्ग: लुः १३५. आकण्येतामये .. २ ३९ | १५९ आलोलकुन्तल. १ २५ १३६. आगय कोटरद्वारं. २ ६२ |१६०. आवर्य शाखाः ..११ ३६ १३७. आगुल्फ ३ ३० | १६१. आवर्तनाभिं ... ९ १०३ १३८. आगोपुराघाट ... ११ ७ | १६२. आवयोरेकं ...१० १ ० १३९. आचरलाभं .११ ७९ .१६३. आपभिमों . ९ ६ष १४०. आज्ञामलङ्कयाँ ... ११ ५७ | १६४. आजिम्मि ननां५ ४३ १४१. आरमना विधृत. ९ २० | १६५. आशिष्टः ६९ १४२. आत्मानमापपतिनं. ५ ११४ | १६६. आश्व-यमाना .... १२ १० १४३. आदाय वेणु ...१ १८ | १६७. आस्यमाना .... ५. ९६ १४४. यमाहुर्महात्मानः ८ ६५ | १६८. आसाद्य शाल्मली. २ ५३ १४५. आधूयसन्तान. .. ११ ४० | १६९. आसोसव १४६. आनन्दबाष्प .... ५ ७१ | १७०. आतये १४७. आनयाम्यहं .... ९ . २२ | १७१. आहन्त ११३ १४८. आपीयमान .... ६ ५६ | १७२. आयसंमान्य... १२ ४१ १४९. आबध्यमानं ... ७ ५४ | १७३. इङ्गितज्ञा .. १०७७ १५०. आभिजात्य .. १ ६ १७४. इङ्गिताकृति .. १० ११५ १५१. आभिजात्यं ... ९ ५९ | १७५. इनिनिश्चित ... ९ १५२. आमूलम् ००: २ १५ १७६. इति निश्चित्य, .. ६ ५१ १५३. आयतनव .. ५ ३६ १७७. इति निर्बन्धनः... ३ ४२ १५४, आयोधने .... ३ ७२ | १७८. इति निर्वभ्य ... ४ ९ १५५. आरभ्य जन्मनः ७ ६ १७९. इति बहुविधं.. ५ ११६ १५६. आराधिताः .... ५ १८ | १८०. इति ब्रुवन् .. ९ ८२३ १५७आरोपिता .. ७ ७८१८१. इमि मनुजपनिः. ४ ७९ १५८. आलोकयत .... ६ ४० | १८२. इति वादिनि . ५ ९३ 10 १७