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१५ सर्गः श्लोकः सग: लोकः ६५२. नृश्य नेत्राभिमुख ११ ७४ | ६७६. पञ्चत्वमसत्... ११ ६० ६५३. नेत्रेण शुकनासो ४ ६६ | ६७७. पश्चादंशकरी .. १० ३ ६५४. नैवात्मनो मदर्थे ३ ७ | ६७८. पश्चिमां हरितं ३ ४९ ६५५ पछिले .. ६ २२ | ६७९. पश्चिमे पद्म .. २ १३ ६५६. पञ्चदून ... ३ २८ ६८०. पश्यति प्रियतमे १० ११२ ६५७. पञ्चाशदक्षर ... ५ ५ | ६८१. पदय यथ .. ६ २७ ६५८. पतगैरिव .. २ १६ | ६८२. प्रक्षाल्य पयसा ७ १९ ६५९. पतिः प्रजानां . ५ २१ ६८३. प्रणम्य पितरं ... ५ ८७ ६६०. पद्मपत्र ... ९ ३३ | ६८४. प्रणम्य सा .... १० २ ६६१. पझासनस्थस्य .... ११ ४६ । ६८५. प्रणामपूर्वं .. ७ ७७ ६६२. पझिनीयं ७१ | ६८६. प्रतापसप्तर्चिषि ३ ८० ६६३ पक्षिनीव .. ७ ३९ | ६८७. प्रतिक्रियाभिः .. ९, १९ ६६४. पयोधरभरा .. ५ २१ | ६८८. प्रतिक्षणं सा .. २ २१ ६६५. परनीडा २ २६ | ६८९. प्रतिज्ञामन्यथा.... १० ५४ ६६६ परमिन्द्रायुधः .. ६ ५० | ६९०. प्रधानभूता .. ४. ४१ ६६७ .परस्परं तौ .... ९. ९० | ६९१. प्रनष्टसंज्ञां .... ९ ९४ ६६८. परस्परमतृनैौ १० ४९ | ६९२ प्रबुध्यात्यन्त .... ४ ३२ ६६९. परणाम ... र १८ | ६९३. प्रभाकिमीरितं ४ ७४ ६७०. परितो भीतमातङ्ग २ ३२ | ६९४. प्रमण्डल .... ९ ९ ६७१. पैयोध्या ... ३ ६८ | ६९५ प्रमाणमंत्र .... ८ ७२ ६७२. परं तद्दतधीरने ८ ७ | ६९६. प्रविश्य देवतागारं १ ५२ ६७३. परं सीदति ... ३ १२ | ६९७प्रविश्य सहसा ६ ६६ ६७४, पर्यञ्जिकायां ६ | ६९८. प्रविश्य सा १ १५ ६७५. पवनं तदिशया ८ ६ | ६९९. प्रविश्याभ्यन्तरं ५ ८१