पुटमेतत् सुपुष्टितम्
xxiv
पृ. | पं. | अशुद्धं | शुद्धं |
" | 5 | बहूना | बहूनां |
" | 5 | य्यतया | यतया |
" | " | दीना | दिना |
" | 6 | क्रमाणा | क्रमणा |
" | 12 | आमु | आम |
" | " | नायकस्यं | नायकस्य |
" | 15 | यात | घात |
" | " | क्ष्ण | क्षण |
" | 16 | (2) सद्यपि | साद्यस्की |
" | " | (1)त्वात् | त्त्वात् |
" | 18 | घातेच | घातो |
" | 19 | नास्तीयत्रात्ते तत्रत्रि- पक्षप्रतीक्ष्ण |
नास्ति यत्रास्ते तत्रवि- पक्षप्रतीक्षण |
" | 20 | एत्तु | एतत्तु |
336 | 22 | मनुलिखित | मनुल्लिखित |
" | 23 | मूधनि | मूर्धनि |
" | " | वन्त | वन्तः |
337 | 10 | योध्य | योर्मध्य |
" | 22 | र्ग्राम | ग्राम |
342 | 20 | तृतीयं त | तृतीयं तु |
345 | 14 | मारुचिः | भारुचिः |
" | 15 | मागे | भागे |
346 | 4 | मधित | मथित |
347 | 4 | वाच्यः | वाच्य |
348 | 13 | र्द्रव्या | द्रव्या |
" | 14 | दायादानान्न | दायादानां न |
349 | 9 | इत्यादिकं | इत्यादिके |
" | 10 | चतुर्थेति | चतुर्धेति |
" | 22 | हारितः | हारीतः |
350 | 9 | अस्वाम्ये | अस्वाम्यं |