पुटमेतत् सुपुष्टितम्
xxv
पृ. | पं. | अशुद्धं | शुद्धं |
350 | 9 | स्थितं | स्थिते |
353 | 3 | विद्यते | न विद्यते |
" | 15 | प्रवासे । नैमि | प्रवासे नैमि |
358 | 1 | अत्रादौ पतितः | इतिशब्दः हरेत् इत्यतःपरं- |
" | 3 | मंशहरे | मंशं हरे [योज्य: |
" | 13 | ससमिति। नैमि | सममिति |
" | 14 | योगात् ; असमां | योगादसमां |
358 | 23 | मातुस्वत्व | मातुः स्वत्व |
" | 24 | व्यवरस्था | व्यवस्था |
359 | 3-4 | कित्व | किन्त्व |
" | 7 | त्येवंपर | त्यवम्पर |
" | 12 | हारिण्या | हारिण्य |
" | 22 | रूध्वर्मशं | रूर्ध्वमंश |
360 | 11 | विषिमेषु | विषमेषु |
" | 18 | वषम्ये | वैषम्ये |
362 | 5 | इत्यर्थकयव | इत्यर्थकमव |
" | 24 | इति स्त्र्यवयवानां | इति स्र्यवयवानां |