"महाभारतम्-01-आदिपर्व-247" इत्यस्य संस्करणे भेदः

आदिपर्व using AWB
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पङ्क्तिः ४०६:
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स सात्वत्यामतिरथः संबभूव घनञ्जयात्।धनञ्जयात्।<BR>मखे निर्मथनेनेव शमीगर्भाद्धुताशनः।। <td> 1-247-64a<BR>1-247-64b
 
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पङ्क्तिः ४१८:
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दयितो वासुदेवस्य वाल्यात्प्रभृतिबाल्यात्प्रभृति चाभवत्।<BR>पितॄणां चैव सर्वेषां प्रजानामिव चन्द्रमाः।। <td> 1-247-66a<BR>1-247-66b
 
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पङ्क्तिः ४३६:
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विज्ञानेष्वपि चास्त्राणां सौष्ठवे च महाबलः।<BR>क्रियास्वपि च सर्वासु विशेषानभ्यसिक्षयत्।।विशेषानभ्यशिक्षयत्।। <td> 1-247-69a<BR>1-247-69b
 
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पङ्क्तिः ४४२:
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आगमे च प्रयोगे च चक्रे तुल्यमिवात्मना।<BR>तुतोष पुत्रं सौभद्रं प्रेक्षणाणोप्रेक्षमाणो धनञ्जयः।। <td> 1-247-70a<BR>1-247-70b
 
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