"शतपथब्राह्मणम्/काण्डम् ११/अध्यायः २/ब्राह्मणं २" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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<span style="font-size: 14pt; line-height: 200%">११.२.२ गायत्रीमनुवाक्यामन्व... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती |
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पङ्क्तिः १:
<poem><span style="font-size: 14pt; line-height: 200%">११.२.२
गायत्रीमनुवाक्यामन्वाह। त्रिपदा वै गायत्री त्रय इमे लोका इमानेवैतल्लोकान्देवाः प्रत्यष्ठापयन् - ११.२.२.[१]
पङ्क्तिः १४:
</span></poem>
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