"महाभारतम्-01-आदिपर्व-114" इत्यस्य संस्करणे भेदः

सत्यवत्या स्वस्मिन्कन्यात्वावस्थायां व्यासो... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती
 
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{{महाभारतम्}}
 
सत्यवत्या स्वस्मिन्कन्यात्वावस्थायां व्यासोत्पत्तिकथनम्।। 1 ।।<br>
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1-114-76 उद्वक्ष्यति धुरं धुर उद्वहनंम करिष्यति।।
चतुर्दशाधिकशततमोऽध्यायः।। 114 ।।
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