"महाभारतम्-01-आदिपर्व-117" इत्यस्य संस्करणे भेदः

माण्डव्यं ऋषिं ज्ञात्वा भीतेन राज्ञा तस्य शूला... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती
 
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| author = वेदव्यासः
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| section = ''प्रथमपर्व''<br>'''महाभारतम्-01-आदिपर्व-117'''
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{{महाभारतम्}}
माण्डव्यं ऋषिं ज्ञात्वा भीतेन राज्ञा तस्य शूलाद्विमोक्षणम्।। 1 ।।<br>
अणीमाण्डव्यस्य यमेन विवादः।। 2 ।।<br>
Line ५८ ⟶ ६८:
1-117-20 दीर्घदर्शी सर्वकालपरामर्शी। शमपरो निर्वैरः।।
सप्तदशाधिकशततमोऽध्यायः।। 117 ।।
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