"महाभारतम्-01-आदिपर्व-254" इत्यस्य संस्करणे भेदः

देवेषु पराजितेषु अशरीरवाणीश्रवणेन इन्द्रस्य न... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती
 
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| author = वेदव्यासः
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| section = ''प्रथमपर्व''<br>'''महाभारतम्-01-आदिपर्व-254'''
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{{महाभारतम्}}
 
देवेषु पराजितेषु अशरीरवाणीश्रवणेन इन्द्रस्य निवृत्तिः।। 1 ।।<br>
Line १०० ⟶ ११०:
<tr><td><p> तस्मिन्वने दह्यमाने षडग्निर्न ददाह च।<BR>अश्वसेनं मयं चैव चतुरः शार्ङ्गकांस्तथा।। <td> 1-254-47a<BR>1-254-47b </p></tr>
<tr><td><p> ।। इति श्रीमन्महाभारते आदिपर्वणि <br>मयदर्शनपर्वणि <br>चतुःपञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः।। 254 ।। <td> </p></tr></table>
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