"महाभारतम्-17-महाप्रस्थानिकपर्व-001" इत्यस्य संस्करणे भेदः

भ्रातृभिर्द्रौपद्या च सह स्वर्गे जिगमिषुणा युध... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती
 
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| author = वेदव्यासः
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| section = ''स्पाप्र्वतादशपर्व''<br>'''महाभारतम्-17-महाप्रस्थानिकपर्व-001'''
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{{महाभारतम्}}
भ्रातृभिर्द्रौपद्या च सह स्वर्गे जिगमिषुणा युधिष्ठिरेण युयुत्सौ राज्यभारनिवेशनपूर्वकं परिक्षितो राज्येऽभिषेचनम्।। 1 ।।<br>
तथा कृच्छ्रात्पौरानुमतिसंपादनेन वल्कलधारणादिपूर्वकं शुना सह गृहात्प्रस्थानम्।। 2 ।।<br>
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17-1-40 अनेन गाण्डीवेन। अर्थः प्रयोजनम्।।
17-1-41 कालेन अवतारान्तरे।।
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