"तैत्तिरीयारण्यकम्(विस्वर)/प्रपाठकः ४" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः १७३:
4.36 अनुवाक ३६
अत्रिणा त्वा क्रिमे हन्मि । कण्वेन
4.37 अनुवाक ३७
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अत्रिणा त्वा क्रिमे हन्मि । कण्वेन
4.37 अनुवाक ३७
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