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कौमुदीपूर्वार्धगतसूत्रसूचिकाः । |
कौमुदीपूर्वार्धगतसूत्रसूचिकाः । |
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पार्श्वम् | सूत्रम् |
पार्श्वम् | सूत्रम् |
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१०५६ कुमति च (८-४-१३ ) ६५८ | १९१६ |
१०५६ कुमति च (८-४-१३ ) ६५८ | १९१६ केशाद्वोऽन्यतर० (५-२-१०९)८८२ |
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८०६ कुमहद्भयामन्य० ( |
८०६ कुमहद्भयामन्य० (५-४-१०५) ५४१ || १२५७ केशाश्वाभ्या य० (४-२-४८) ७२३ |
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७५२ कुमार श्रमणादिभि (२-१ ७०) ५२१ | १०२७ को कत्तत्पुरुषेऽचि(६-३-१०१)६४८ |
७५२ कुमार श्रमणादिभि (२-१ ७०) ५२१ | १०२७ को कत्तत्पुरुषेऽचि(६-३-१०१)६४८ |
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१३०६ कुमुदनडवेतसे० (४-२-८७) ७३८ | १२९१ कोपधाञ्च (४-२-७९) ७३४ |
१३०६ कुमुदनडवेतसे० (४-२-८७) ७३८ | १२९१ कोपधाञ्च (४-२-७९) ७३४ |
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८७८ कुम्भपदीषु च (५-४-१३९) ५८३ || १५१७ |
८७८ कुम्भपदीषु च (५-४-१३९) ५८३ || १५१७ कोपधाच्च (४-३-१३७) ७८५ |
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११९० कुरुनादिभ्यो ण्य (४-१-१७२) ७०३ || १३५६ कोपधादणू (४-२-१३२) ७५० |
११९० कुरुनादिभ्यो ण्य (४-१-१७२) ७०३ || १३५६ कोपधादणू (४-२-१३२) ७५० |
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११७५ कुर्वादिभ्यो ण्य (४-१-१५१) ६९९ |१४१७ कोशाड्ढञ् ( |
११७५ कुर्वादिभ्यो ण्य (४-१-१५१) ६९९ |१४१७ कोशाड्ढञ् (४-३-४२) ७६४ |
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१३१६ कुलकुक्षिग्रीवाभ्य ०(४-२-९६) ७४२ || १५१२ कौपिञ्ज० (४-३-१३२) ७८३ |
१३१६ कुलकुक्षिग्रीवाभ्य ०(४-२-९६) ७४२ || १५१२ कौपिञ्ज० (४-३-१३२) ७८३ |
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११३२ कुलटाया वा (४-१-१२७) ६८९ | १२१४ कौमारापूर्ववचने (४-२-१३) ७११ |
११३२ कुलटाया वा (४-१-१२७) ६८९ | १२१४ कौमारापूर्ववचने (४-२-१३) ७११ |
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११६२ |
११६२ कुलात्स्व (४-१-१३९) ६९६ | ४७७ कौरव्यमाण्डूकाभ्या०(४-१-१९)३६० |
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१४९८ कुलालादिभ्यो० (४-३-११८) ७८० | ११७९ |
१४९८ कुलालादिभ्यो० (४-३-११८) ७८० | ११७९ कौसल्यकार्मार्या०(४-१ १५५) ७०० |
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१७२१ कुलिजाल्लुक्खौ च ( |
१७२१ कुलिजाल्लुक्खौ च (५-१-५५) ८३१ | ६२५ क्तस्य च वर्तमाने (२-३-६७) ४५४ |
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१५५२ कुलुत्थकेोपधादण् (४-४-४) ७९३ ५०७ क्तादल्पाख्यायाम् (४-१-५१) ३८१ |
१५५२ कुलुत्थकेोपधादण् (४-४-४) ७९३ ५०७ क्तादल्पाख्यायाम् (४-१-५१) ३८१ |
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१७८३ कुल्माषादञ् (५-२-८३) ८७४ | ७०६ तेन च पूजायाम् (२-२-१२) ४९९ |
१७८३ कुल्माषादञ् (५-२-८३) ८७४ | ७०६ तेन च पूजायाम् (२-२-१२) ४९९ |
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२०६० कुशाग्राच्छ (५-३-१०५) ९२१ | ७३९ तेन नञ्विशिष्ट० (२-१-६०) ५१५ |
२०६० कुशाग्राच्छ (५-३-१०५) ९२१ | ७३९ तेन नञ्विशिष्ट० (२-१-६०) ५१५ |
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१५८१ कुसीददशैकादशा०(४-४-३१) ७९८ || ७२२ तेनाहोरात्रावयवा (२-१-४५) ५०७ |
१५८१ कुसीददशैकादशा०(४-४-३१) ७९८ || ७२२ तेनाहोरात्रावयवा (२-१-४५) ५०७ |
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१०५८ कुस्तुम्बुरूणि० (६-१-१४३) ६५९ || ७८५ |
१०५८ कुस्तुम्बुरूणि० (६-१-१४३) ६५९ || ७८५ क्ता च (२-२-२२)५३३ |
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१३६९ कृकणपर्णाद्रारद्वाजे(४-२-१४५)७५२ | ४५० खकातोसुन्कसुन (१-१-४०) ३३२ |
१३६९ कृकणपर्णाद्रारद्वाजे(४-२-१४५)७५२ | ४५० खकातोसुन्कसुन (१-१-४०) ३३२ |
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६१४ |
६१४ कृञ् प्रतियत्रे (२-३-५३)४४८। ८३७ क्यड्मानिनोश्च (६-३-३६) ५६५ |
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२१२९ कृोद्वितीयतृतीय०(५-४-५८)९४३ | २११९ क्यच्व्येोश्च (६-४-१५२) ९४० |
२१२९ कृोद्वितीयतृतीय०(५-४-५८)९४३ | २११९ क्यच्व्येोश्च (६-४-१५२) ९४० |
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१४१३ कृतलब्धक्रीत० (४-३-३८) ७६३| १४४७ क्रतुयज्ञेभ्यश्च (४-३-६८) ७६९ |
१४१३ कृतलब्धक्रीत० (४-३-३८) ७६३| १४४७ क्रतुयज्ञेभ्यश्च (४-३-६८) ७६९ |
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१४९६ |
१४९६ कृते ग्रन्थे (४-३-११६ ) ७८० | १२७० क्रतूक्थादिसूत्राता०(४-२-६०) ७२६ |
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१२७० |
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१७९ कृत्तद्धितसमासाश्च (१-२-४६) १११ || १२७१ क्रमादिभ्यो बुन् (४-२-६१) ७२८ |
१७९ कृत्तद्धितसमासाश्च (१-२-४६) १११ || १२७१ क्रमादिभ्यो बुन् (४-२-६१) ७२८ |
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७४९ कृल्यतुल्याख्या० (२-१-६८) |
७४९ कृल्यतुल्याख्या० (२-१-६८) ५२०। ६६ क्रय्यस्तदर्थे (६-१-८२)४८ |
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६२९ कृत्याना कर्तरि वा (२-३-७१) ४५७ || ५८१ क्रियार्थोपपदस्य० (२-३-१४) ४३१ |
६२९ कृत्याना कर्तरि वा (२-३-७१) ४५७ || ५८१ क्रियार्थोपपदस्य० (२-३-१४) ४३१ |
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६९५ कृत्यैरधिकार्थवचने (२-१-३३) ४९२ || १५३४ कीतवत्परिमाणात् (४-३-१५६)७८८ |
६९५ कृत्यैरधिकार्थवचने (२-१-३३) ४९२ || १५३४ कीतवत्परिमाणात् (४-३-१५६)७८८ |
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७२० |
७२० कृत्यैर्ऋणे (२-१-४३) ५०६ | ५०६ क्रीतात्करणपूर्वात् (४-१-५०) ३८० |
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६२२ कृत्वोर्थप्रयोगे का० (२-३-६४) ४५१ || ५७५ कुधद्रुहेष्यसूयार्था०(१-४३७)४२८ |
६२२ कृत्वोर्थप्रयोगे का० (२-३-६४) ४५१ || ५७५ कुधद्रुहेष्यसूयार्था०(१-४३७)४२८ |
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३७४ कृदतिङ् (३-१-९३) २५६ || ५७६ कुधद्वहोरुपसृष्टयो ०(१-४-३८)४२९ |
३७४ कृदतिङ् (३-१-९३) २५६ || ५७६ कुधद्वहोरुपसृष्टयो ०(१-४-३८)४२९ |
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४४९ कृन्मेजन्त (१-१-३९) ३३२ || |
४४९ कृन्मेजन्त (१-१-३९) ३३२ || १२०० कौड्यादिभ्यश्च (४-१-८०)७०७ |
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२११७ कृभ्वस्तियोगे० (५-४-५०) ९३९ | १९६० |
२११७ कृभ्वस्तियोगे० (५-४-५०) ९३९ | १९६० क्वाति (७-२-१०५)८९४ |
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११४४ केकयमित्रयुप्रलयाना०(७-३-२)६९२ || ३७७ |
११४४ केकयमित्रयुप्रलयाना०(७-३-२)६९२ || ३७७ क्विन्प्रत्ययस्य कु (८-२-६२) २५६ |
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८३४ केऽण (७-४-१३ ) ५५९ || ११६१ क्षत्राद्ध (४-१-१३८) ६९६ |
८३४ केऽण (७-४-१३ ) ५५९ || ११६१ क्षत्राद्ध (४-१-१३८) ६९६ |
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१२४८ केदाराद्यञ्च (४-२-४०) ७२१ ६५ क्षय्यजय्यौ शक्यार्थे(६-१-८१) ४७ |
१२४८ केदाराद्यञ्च (४-२-४०) ७२१ ६५ क्षय्यजय्यौ शक्यार्थे(६-१-८१) ४७ |