"पृष्ठम्:नवरात्रप्रदीपः.djvu/१२२" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पुटस्थितिः | पुटस्थितिः | ||
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पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | ||
पङ्क्तिः १: | पङ्क्तिः १: | ||
{{rh|center='''अष्टमीपूजाविधिः'''|right='''७७'''}} |
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षेधात् । अत्र च पूजासम्भरविशेषो ग्रन्थान्तराद- |
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वगन्तव्यः । अथ होमः । |
वगन्तव्यः । |
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<center> अथ होमः । </center> |
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नारदीये |
नारदीये--- |
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तिलाज्यकुसमादीनि पायसं |
तिलाज्यकुसमादीनि पायसं मधुशर्क्कराः । |
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हविर्द्रव्याणि जुहुयाद् दुर्गाष्टम्यां विशेषतः |
हविर्द्रव्याणि जुहुयाद् दुर्गाष्टम्यां विशेषतः ।। |
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राजमार्तण्डेऽपि |
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राजमार्त्तण्डेऽपि--- |
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शास्त्रार्थमन्त्रैर्हतठयं पायसं घृतसंयुतम् । |
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अजस्वेकस्तु होतव्यो रक्तवण विशेषतः । |
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शास्त्रार्थमन्त्रैर्होतव्यं पायसं घृतसंयुतम् ॥ |
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रोहितं मरस्यमांसं च होतव्यं जयमीप्सता।इति । |
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अजस्त्वेकस्तु होतव्यो रक्तवर्णो विशेषतः ॥ |
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रोहितं मत्स्यमांसं च होतव्यं जयमीप्सता ।। इति । |
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