"पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/१५३" इत्यस्य संस्करणे भेदः
पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | ||
पङ्क्तिः ३२: | पङ्क्तिः ३२: | ||
गमनं प्रति विरोधकत्वादित्याशयः ॥ ३० ॥ '''गर्जेति''' ॥ ३१॥ '''यदिति''' ॥ ३२ ॥ |
गमनं प्रति विरोधकत्वादित्याशयः ॥ ३० ॥ '''गर्जेति''' ॥ ३१॥ '''यदिति''' ॥ ३२ ॥ |
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'''पाठा०'''-१ निरपेक्ष्य. |
'''पाठा०'''-१ निरपेक्ष्य. |
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टिप्प -1 अस्य याथार्थ्यकृते इन्द्रागच्छेति गौरावस्कन्दिन्नहल्यायै जारेति-', |
टिप्प -1 अस्य याथार्थ्यकृते इन्द्रागच्छेति गौरावस्कन्दिन्नहल्यायै जारेति-', |
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'एष एवेन्द्रो एष तपति’ ( श. ना. ३.३) इत्यादिशतपथब्राह्मणवचोविमर्शनमर्हति । |
'एष एवेन्द्रो एष तपति’ ( श. ना. ३.३) इत्यादिशतपथब्राह्मणवचोविमर्शनमर्हति । |