"पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/१५५" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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एष खलु शुष्कवृक्षवाटिकायाम् ।। |
एष खलु शुष्कवृक्षवाटिकायाम् ।। |
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{{gap}}'''वसन्तसेना'''-अज्ज ! का तुम्हाणं सुक्खरुक्खख वाडिआ वुच्चदि ?। |
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[ आर्य ! को युष्माकं शुष्कवृक्षवाटिकोच्यते ?।] |
[ आर्य ! को युष्माकं शुष्कवृक्षवाटिकोच्यते ?।] |
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