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::कुशुमभलेण विणामिदा अ लुक्खा । |
::कुशुमभलेण विणामिदा अ लुक्खा । |
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दुमशिहललदाअलबमाणा । |
दुमशिहललदाअलबमाणा । |
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::पणशफला विअ |
::पणशफला विअ बाणला ललंति ॥ ८ ॥</poem>}}}} |
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{{gap}}[ सुष्टु भावो भणति |
{{gap}}[ सुष्टु भावो भणति |
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{{block center|{{bold|<poem>बहुकुसुमविचित्रिता च भूमिः कुसुमभरेण विनामिताश्च वृक्षाः । |
{{block center|{{bold|<poem>बहुकुसुमविचित्रिता च भूमिः कुसुमभरेण विनामिताश्च वृक्षाः । |
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द्रुमशिखरलतावलम्बमानाः पनसफलानीव वानरा ललन्ति ॥]</poem>}}}} |
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{{gap}}'''विटः'''----काणेलीमातः ! इदं |
{{gap}}'''विटः'''----काणेलीमातः ! इदं शिलातलमध्यस्यताम् ।। |
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{{gap}}'''शकारः'''-एशे म्हि आशिदे । ( इति विटेन सहोपविशति ) भावे ! |
{{gap}}'''शकारः'''-एशे म्हि आशिदे । ( इति विटेन सहोपविशति ) भावे ! |
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पङ्क्तिः २०: | पङ्क्तिः २०: | ||
{{block center|{{bold|<poem>श्रीभिर्विमानितानां कापुरुषाणां विवर्धते मदनः ।। |
{{block center|{{bold|<poem>श्रीभिर्विमानितानां कापुरुषाणां विवर्धते मदनः ।। |
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सत्पुरुषस्य स एव तु |
सत्पुरुषस्य स एव तु भवति मृदुर्नैव वा भवति ॥ ९ ॥</poem>}}}} |
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{{gap}}शकारः---भावे |
{{gap}}शकारः---भावे ! का वि वेला थाक्लकचेडश्श भणिदश्श |
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‘पवहणं गेण्हिअ लहुं लहुं आअच्छे ति । अज वि ण आअ- |
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च्छदि ति। चिलम्हि बुभुक्खिदे । मज्झण्हे या शकीअदि पादेहिं। |
च्छदि ति। चिलम्हि बुभुक्खिदे । मज्झण्हे या शकीअदि पादेहिं। |
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गंतुं । ता पेक्ख पेक्ख |
गंतुं । ता पेक्ख पेक्ख |
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{{block center|{{bold|<poem>णहमज्झगदे शूले दुष्पेक्खे कुविदवाणलशलिच्छे। |
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भूमी |
भूमी ढृढशंतत्ता हदपुत्तशदेव गंधाली ॥ १० ॥</poem>}}}} |
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विपर्यस्तं लोकविरुद्धम् ॥ ६ ॥ अमी इति ॥ ७ ॥ |
विपर्यस्तं लोकविरुद्धम् ॥ ६ ॥ '''अमी इति''' ॥ ७ ॥ बहुकुशुमेत्यादि । |
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पुष्पिताप्राच्छन्दः । रुक्खा बृक्षाः । ललन्ति विहरन्ति ॥ ८ ॥ स्त्रीभिरि- |
पुष्पिताप्राच्छन्दः । रुक्खा बृक्षाः । ललन्ति विहरन्ति ॥ ८ ॥ '''स्त्रीभिरि- |
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त्यादि । आर्या ॥ १ ॥ बुभुक्षितो न शक्यते पादाभ्यां गन्तुम् । |
त्यादि ।''' आर्या ॥ १ ॥ बुभुक्षितो न शक्यते पादाभ्यां गन्तुम् । '''णहमज्झे |
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त्यादि । गाथा । नभोमध्यगतः सूर्यो दुःप्रेक्ष्यः कुपितवानरसदृशः । |
त्यादि''' । गाथा । नभोमध्यगतः सूर्यो दुःप्रेक्ष्यः कुपितवानरसदृशः । भूमिः- |
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पाठा०—१ |
पाठा०—१ दुमशिहललदा अ ललंबमाणा (=द्रुमशिखरलता इव लम्ब- |
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मानाः)। |
मानाः)। |
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