"सामवेदः/कौथुमीया/संहिता/ग्रामगेयः/प्रपाठकः ०१/पर्कः(अग्नआयाहि)" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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[[File:आज्यस्तोत्रम् (प्रथम) Aajya stotram (I).ogg|thumb|आज्यस्तोत्रम् (प्रथम) साम [https://sa.wikisource.org/s/3f1 ६६०]]]
जगतीं होतुर् आज्ये। जागतो हि होता। सैषा भवति अग्न आ याहि वीतये इति॥ जैब्रा [https://sa.wikisource.org/s/ei4 १.३१९]