"पृष्ठम्:शिवगीता.djvu/18" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | ||
पङ्क्तिः ८: | पङ्क्तिः ८: | ||
नच स्त्री न पुमानेष न चैवायं नपुंसकः ॥ |
नच स्त्री न पुमानेष न चैवायं नपुंसकः ॥ |
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अमूर्तः पुरुषः पूर्णो द्रष्टा साक्षी सजीवनः ॥ १४ ॥ |
अमूर्तः पुरुषः पूर्णो द्रष्टा साक्षी सजीवनः ॥ १४ ॥ |
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या तन्वङ्गी मृदुर्बाला मलपिण्डात्मिका जडा । |
या तन्वङ्गी मृदुर्बाला मलपिण्डात्मिका जडा । |
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सा न पश्यति यत्किंचिन्न शृणोति न जिघ्रति ॥ १५ ॥}} |
सा न पश्यति यत्किंचिन्न शृणोति न जिघ्रति ॥ १५ ॥}} |
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