"सामवेदः/कौथुमीया/संहिता/ग्रामगेयः/प्रपाठकः १२क/श्लोकानुश्लोके" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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पङ्क्तिः १:
[[File:श्लोकानुश्लोके(ब्रह्माण) Shlokanushloke.ogg|thumb|श्लोकानुश्लोके.]]
 
[[File:श्लोकानुश्लोकम्(ब्रह्माण) Shlokanushlokam.jpg|thumb|700px|श्लोकानुश्लोकम्श्लोकानुश्लोके.]]
<poem><span style="font-size: 14pt; line-height: 200%">ब्रह्माण इन्द्रं महयन्तो अर्कैरवर्धयन्नहये हन्तवा उ ॥ [https://sa.wikisource.org/s/3ft ४३९] ॥ ऋ. [[ऋग्वेदः सूक्तं ५.३१|५.३१.४]]
अनवस्ते रथमश्वाय तक्षुस्त्वष्टा वज्रं पुरुहूत द्युमन्तं ॥ ४४० ॥