"ऋग्वेदः सूक्तं ५.३१" इत्यस्य संस्करणे भेदः

No edit summary
No edit summary
पङ्क्तिः २५०:
 
इन्द्रायार्काश्वमेधवते पुरोडाशम् एकादशकपालं निर् वपेद् यम् महायज्ञो नोपनमेत् (तैसं. [https://sa.wikisource.org/s/1e22 २.२.७.५]) इत्यस्य पुरोनुवाक्या - अनवस्ते इति।
 
[https://puranastudy.angelfire.com/pur_index2/anu.htm अनु/अनः उपरि टिप्पणी]
 
 
५.३१.९
"https://sa.wikisource.org/wiki/ऋग्वेदः_सूक्तं_५.३१" इत्यस्माद् प्रतिप्राप्तम्