"अग्निपुराणम्/अध्यायः ३०५" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः ८:
पुष्करे पुण्डरीकाक्षं गयायाञ्च गदाधरम् ।
जयं जयन्त्यां तद्वच्च जयन्तं हस्तिनापुरे ।
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पङ्क्तिः ८:
पुष्करे पुण्डरीकाक्षं गयायाञ्च गदाधरम् ।
जयं जयन्त्यां तद्वच्च जयन्तं हस्तिनापुरे ।
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