"ऋग्वेदः सूक्तं १०.१९०" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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अघमर्षण-सूक्त में प्रथम पक्ष को सत्यं की, तो द्वितीय पक्ष को ऋतम् की प्रवृत्ति कहा गया है। - [http://puranastudy.freevar.com/Antariksha_Paryaya/pva16.htm अघमर्षणसूक्तस्य विवेचनम्]
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{{ऋग्वेदः मण्डल १०}}
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