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पङ्क्तिः १२:
{{रामायणम्/बालकाण्डम्}}
<poem>
'''श्रीमद्वाल्मीकियरामायणे बालकाण्डे त्रयस्त्रिंशः सर्गः ॥१-३३॥'''
तस्य तद्वचनं श्रुत्वा कुशनाभस्य धीमतः ।
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