"रामायणम्/अयोध्याकाण्डम्/सर्गः ११०" इत्यस्य संस्करणे भेदः
Content deleted Content added
{{header | title = ../../ | author = वाल्मीकिः | translator = | section = सर्ग... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती |
No edit summary |
||
पङ्क्तिः १:
{{header
| title = [[
| author = वाल्मीकिः
| translator =
| section =
| previous = [[
| next = [[
| notes =
}}
{{रामायणम्/अयोध्याकाण्डम्}}
<div class="verse">
<pre>
क्रुद्धमाज्ञाय रामं तं वसिष्ठ: प्रत्युवाच ह ।
जाबालिरपि जानीते लोकस्यास्य गतागतिम् ।। २.११०.१ ।।
|