"रामायणम्/अरण्यकाण्डम्/सर्गः ५" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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{{Ramayana|अरण्यकाण्ड}}
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| author = वाल्मीकिः
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| section = अरण्यकाण्डम्
| previous = [[रामायणम्/अरण्यकाण्डम्/सर्गः ४|सर्गः ४]]
| next = [[रामायणम्/अरण्यकाण्डम्/सर्गः ६|सर्गः ६]]
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{{रामायणम्/अरण्यकाण्डम्}}
<div class="verse">
<pre>
 
'''श्रीमद्वाल्मीकियरामायणे अरण्यकाण्डे पञ्चमः सर्गः ॥३-५॥'''
 
<div class="verse">
<pre>
हत्वा तु तम् भीम बलम् विराधम् राक्षसम् वने ।
ततः सीताम् परिष्वज्य समाश्वास्य च वीर्यवान् ॥३-५-१॥
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'''इति वाल्मीकि रामायणे आदि काव्ये अरण्यकाण्डे पञ्चमः सर्गः ॥३-५॥'''
==संबंधित कड़ियाँ==
*[[रामायण]]
**[[रामायण बालकाण्ड]]
**[[रामायण अयोध्याकाण्ड]]
**[[रामायण अरण्यकाण्ड]]
**[[रामायण किष्किन्धाकाण्ड]]
**[[रामायण सुंदरकाण्ड]]
**[[रामायण युद्धकाण्ड]]
**[[रामायण उत्तरकाण्ड]]
==बाहरी कडियाँ==
[[वर्गः:काव्य]]
[[वर्गः:Hinduism]]
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