"रामायणम्/सुन्दरकाण्डम्/सर्गः ५८" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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{{रामायणम्/सुन्दरकाण्डम्}}
<poem>
'''श्रीमद्वाल्मीकियरामायणे सुन्दरकाण्डे द्वितीयः सर्गः ॥५-२॥'''
<div class="verse">
<pre>
 
ततस्तस्य गिरेः शृङ्गे महेन्द्रस्य महाबलाः ।
हनुमत्प्रमुखाः प्रीतिं हरयो जग्मुरुत्तमाम् ।। ५.५८.१ ।। <br>