"मत्स्यपुराणम्/अध्यायः २४" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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बुधोत्पत्तिवर्णनम्।
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स शाश्वतीः समा राजा प्रजाधर्मेण पालयत्।
जरामार्च्छन्महाघोरं नाहुषो रूपनाशिनीम्।। २४.५७ ।।
जराभिभूतः पुत्रान् स राजा वचनमब्रवीत्।
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