"मत्स्यपुराणम्/अध्यायः ४४" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः १:
{{मत्स्यपुराणम्}}
<poem><span style="font-size: 14pt; line-height: 170%">
यदुवंशवर्णने क्रोष्टुवंशवर्णनम्।
पङ्क्तिः २७२:
आत्मनो विपुलं वंशं प्रजावानाप्नुते नरः।। ४४.८५ ।।
</span></poem>
[[वर्गः:मत्स्यपुराणम्]]
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