"ऋग्वेदः सूक्तं ३.९" इत्यस्य संस्करणे भेदः

No edit summary
 
No edit summary
पङ्क्तिः ९:
सस्र्वांसमिव तमनाग्निमित्था तिरोहितम |
ऐनं नयन मातरिश्वा परावतो देवेभ्यो मथितं परि ||
 
तं तवा मर्ता अग्र्भ्णत देवेभ्यो हव्यवाहन |
विश्वान यद्यज्ञानभिपासि मानुष तव करत्वा यविष्ठ्य ||
Line १७ ⟶ १८:
तरीणि शता तरी सहस्राण्यग्निं तरिंशच्च देवा नवचासपर्यन |
औक्षन घर्तैरस्त्र्णन बर्हिरस्मा आदिद धोतारं नयसादयन्त ||
 
 
*[[ऋग्वेद:]]
"https://sa.wikisource.org/wiki/ऋग्वेदः_सूक्तं_३.९" इत्यस्माद् प्रतिप्राप्तम्