"कथासरित्सागरः/लम्बकः ८" इत्यस्य संस्करणे भेदः
Content deleted Content added
No edit summary |
|||
पङ्क्तिः १:
[[/तरङ्ग १|तरङ्ग १]]
मंगलाचरण २२९; नरवाहनदत्त की कथा २२९; वज्रप्रभ से वणित आत्मवृत्तान्त २२९; सूर्यप्रभ का चरित २३१ ।।
[[/तरङ्ग २|तरङ्ग २]]
चन्द्रप्रभ की सभा में मय दानव का आगमन २५७; सूर्यप्रभ के दरबार में
नारद मुनि का आगमन २५९; काल ब्राह्मण की कथा २६९; कलावती की कथा २८३; महल्लिका का प्रेम २८९ ।।
[[/तरङ्ग ३|तरङ्ग ३]]
सूर्यप्रभ का उद्योग ३१५ ।।
[[/तरङ्ग ४|तरङ्ग ४]]
सूर्यप्रभ का रणभूमि में सेना का उतारना ३४९; रानियों द्वारा सूर्यप्रभ की तथा युद्ध की चर्चा ३६३ ।।
[[/तरङ्ग ५|तरङ्ग ५]]
सूर्यप्रभ-चरित : रणभूमि में संग्राम ३६७; शरभानना योगिनी के पराक्रम की कथा ३८३ ।।
[[/तरङ्ग ६|तरङ्ग ६]]
सूर्यप्रभ-चरित ३८७; गुणशर्मा ब्राह्मण की कथा ३८७; गुणशर्मा का जन्मवृत्तान्त ४०७ ।।
[[/तरङ्ग ७|तरङ्ग ७]]
सूर्यप्रभ का वृत्तान्त : अन्तिम युद्ध ४२० ।।
|