"कथासरित्सागरः/लम्बकः ३" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः १:
[https://sa.wikisource.org/s/93j तरङ्ग १]
वत्सराज उदयन की कथा (क्रमशः) २३९; निपुण वैद्य की कथा २४१; धूर्त साधु की कथा २४३; राजा देवसेन और उन्मादिनी की कथा २४७; यइल्लक सेठ की कथा २५१; राजा पुण्यसेन की कथा २५३; सुन्द और उपसुन्द की कथा २५७ ।।
[https://sa.wikisource.org/s/94i तरङ्ग २]
राजा उदयन और पद्मावती के विवाह की कथा २६१; वासवदत्ता के जलने की कथा २६१; कुन्ती और दुर्वासा की कथा २६५; पद्मावती का विवाह २६९ ।।
[https://sa.wikisource.org/s/9nw तरङ् ३]
वत्सराज की कथा (क्रमशः) २७७; पुरूरवा और उर्वशी की कथा २७७; विहितसेन और तेजोवती की कथा २८१; सोमप्रभा और गुहसेन की कथा २८५; इन्द्र और अहल्या की कथा २९५ ।।
[https://sa.wikisource.org/s/92b तरङ्ग ४]
वत्सराज का कौशाम्बी में पुनरागमन ३०१; ग्वालों की कथा ३०५; वत्सराज को खजाना और सिहासन की प्राप्ति ३०७; वत्सराज का दिग्विजय के लिए विचार ३०९; वीर विदूषक ब्राह्मण की कथा ३११ ।।
[https://sa.wikisource.org/s/94h तरङ्ग ५]
वत्सराज के द्वारा शिव की श्राराधना ३५७; देवदास वैश्य की कथा ३५९; वत्सराज का दिग्विजय के लिए प्रयाण ३६५; वत्सराज के दिग्विजय की कथा ३६९ ।।
[https://sa.wikisource.org/s/9h9 तरङ्ग ६]
वत्सराज की कथा (क्रमशः) ३७५; फलभूति की कथा ३७५; रानी कुवलयावली द्वारा कही गई कथा ३८१; गणपति की कथा ३८३; स्वामी कात्तिकेय की उत्पत्ति ३८५; कालरात्रि की कथा ३.३१ ।।
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