"कथासरित्सागरः/लम्बकः १०" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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पङ्क्तिः १:
*[https://sa.wikisource.org/s/93v तरङ्ग १]
मंगलाचरण ६९५; नरवाहनदत की कथा (क्रमागत) ६९५; एक भारवाहक (मजदूर) की कथा ६९७; भद्रघट की कथा ६९९; आलजाल की कथा ७०३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9g2 तरङ्ग २]
विक्रमसिंह और कुमुदिका वेश्या की कथा ७२१; चन्द्रश्री और शीलहर वैश्य
की कथा ७२९; दुःशीला और देवदास की कथा ७३१; वज्रसार और उसकी स्त्री की कथा ७३१; राजा सिहबल और रानी कल्याणवती की कथा ७३५ ।।
 
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9ge तरङ्ग ३]
नरवाहनदत की कथा (क्रमागत) ७४१; शक्तियशा का कौशाम्बी में आगमन ७४१; दो विद्याधरियों की कथा ७४३; शुक की आत्मकथा ७४५; सोमप्रभ, मकरन्दिका और मनोरथप्रभा की कथा ७४९; मनोरथप्रभा की कथा ७५३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9py तरङ्ग ४]
**राज्ञः कुलधरस्य सेवकस्य पुंश्चल्या भार्यायाः कथा ३
राजा कुलधर के सेवक की कथा ७६५; संजीवक बैल और पिंगलक सिंह की कथा ७६७; कील उखाड़नेवाले बन्दर की कथा ७६९; दमनक और करकट का संवाद ७७१; नगाड़ा और सियार की कथा ७७३; बगुला और केकड़े की कथा ७७७; सिह और शश की कथा ७७९; मन्दविसर्पिणी जू और खटमल की कथा ७८३; मदोत्कट सिंह की कथा ७८७; टिट्टिभदम्पती की कथा ७८९; कछुए और हंस की कथा ७८९; तीन मच्छों की कथा ७९१; टिट्टिभ-दम्पती की कथा (क्रमागत) ७९३; सूचीमुख पक्षी और बन्दर की कथा ७९५; धर्मबुद्धि और दुष्टबुद्धि वैश्यों की कथा ७९७; साँप और बगुले की कथा ७९९; लोहे का तराजू और वैश्यपुत्र की कथा ८०१ ।।
**संजीवक वृषभ एवं पिंगलक सिंहस्य कथा
**कीलपाटित वानरस्य कथा
**दमनक शृगालस्य करकट सह संवादः
**भेरी - शृगालस्य कथा
**बक-कर्कट कथा
**सिह - शश कथा ७७९;
**मन्दविसर्पिणी यूका - मत्कुण कथा
**मदोत्कट सिंहस्य कथा
**टिट्टिभदम्पती कथा
**कूर्म - हंस कथा
**त्रयः मत्स्यानां कथा
**टिट्टिभ-दम्पती कथा (क्रमागत)
**सूचीमुख पक्षी - वानर कथा
**धर्मबुद्धि एवं दुष्टबुद्धि वैश्ययोः कथा
**सर्प - बक कथा
**लौहतुला - वैश्यपुत्र कथा
 
*[[/तरङ् ४|तरङ् ४]] अपूर्ण
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9gg तरङ्ग ५]
अगर जलानेवाले की कथा ८०३; तिल बोनेवाले मूर्ख कृषक की कथा ८०३; पानी में आग फेंकनेवाले की कथा ८०५; नासिकारोपण की कथा ८०५; मूर्ख गड़ेरिये की कथा ८०५; अलंकारलम्बक की कथा ८०७; मूर्ख रूईवाले की कथा ८०७; खजूर काटनेवाले की कथा ८०७; मूर्ख मन्त्री की कथा ८०९; नमक खानेवाले की कथा ८०९; गाय दुहनेवाले की कथा ८०९; मूर्ख गंजे की कथा ८११; कौआ, कछुआ, मृग और चूहे की कथा ८१३; हिरण्यक चूहा और संन्यासी की कथा ८१७; ईष्यलुि पुरुष और उसकी दुष्टा स्त्री की कथा ८२३; नाग और गरुड की कथा ८२७; केशमूर्ख की कथा ८२९; तैलमूर्ख की कथा ८३१; अस्थिमूर्ख की कथा ८३१; मूखा चाण्डालकन्या की कथा ८३३; कृपण राजा की कथा ८३३; दो मित्रों की कथा ८३५; जलभीत मूर्ख की कथा ८३७; पुत्रघाती मूर्ख की कथा ८३७; भ्रातृमूर्ख की कथा ८३७; ब्रह्मचारी पुत्र की कथा ८३९; मूर्ख ज्योतिषी की कथा ८३९; क्रोधी मूर्ख की कथा ८३९; एक मूर्ख राजा की कथा ८४१; अधेले के लिए दस पैसे खर्च करनेवाले मूर्ख कंजूस की कथा ८४१; समुद्र की लहरों पर निशान लगानेवाले की कथा ८४३; मांस के बदले में मांस देनेवाले राजा की
कथा ८४३; एक को मारकर दूसरा पुत्र चाहनेवाली स्त्री की कथा ८४३; एक मूर्ख सेवक की कथा ८४५; दो बन्धुओं की कथा ८४५; एक मूर्ख योद्धा की कथा ८४९; कुछ न' माँगनेवाले मूर्ख की कथा ८४९ ।।
 
 
*[https://sa.wikisource.org/s/a2l तरङ्ग ६]
नरवाहनदत की कथा (क्रमागत) ८४९; कौओं और उल्लुओं की कथा ८५१; चतुर्दन्त नाम के हाथी और खरगोशों की कथा ८५३; शश और कपिंजल की कथा ८५७; ब्राह्मण और धूतों की कथा ८५९; कौए और उल्लुओं की कथा का शेषांश ८५९ ; वृद्ध बनिया और चोर की कथा ८६१; ब्राह्मण, चोर और राक्षस की कथा ८६३; रथकार और उसकी पत्नी की कथा ८६५; मेढकों के वाहन सर्प की कथा ८७१; सुवर्णमुग्ध की कथा ८७७; मूर्ख सेवकों की कथा ८७७; अपूपमुग्ध की कथा ८७९; एक मूर्ख नौकर की कथा ८७९; महिषीमुग्ध की कथा ८८१ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/a52 तरङ्ग ७]
यशोधर और लक्ष्मीधर की कथा ८८५; मगर और वानर की कथा ८९७; कान और हृदय से हीन गधे की कथा ९०१; धनी और गवैये की कथा ९०५; मूर्ख शिष्यों की कथा ९०७; चावल खानेवाले मूर्ख की कथा ९०९; गधे का दूध दुहने की कथा ९०९ ।। -
 
*[https://sa.wikisource.org/s/a5g तरङ्ग ८]
गोमुख द्वारा नरवाहनदत से कही गई नई-नई कथाएँ ९११; ब्राह्मण और नेवले की कथा ९११; मूर्ख रोगी और वैद्य की कथा ९१३; मूर्ख पुरुष और तपस्वियों की कथा ९१५: घट और कर्पर नाम के चोरों की
কথা থ৭ও ৷
 
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9jf तरङ्ग ९]
गोमुख द्वारा नरवाहनदत्त को सुनाई गई विविध कथाएँ ९३५; बोधिसत्त्व के अंश से उत्पन्न बनिये की कथा ९३५: सिंह की आत्मकथा ९४१; स्वर्णचूड पक्षी की आत्मकथा ९४३: सर्प की आत्मकथा ९४५; दुष्टा स्त्री की आत्मकथा ९४७; कृपण टक्क की कथा ९५३ मार्जार मूर्ख की कथा ९५५; ह्रिरण्याक्ष की कथा ९६३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9n3 तरङ्ग १०]
नरवाहनदत्त की कथा (क्रमागत) ९६९ ।।
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