"कथासरित्सागरः/लम्बकः १२" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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*[https://sa.wikisource.org/s/9gh तरङ्गः १] | [[/तरङ्गः ०१|तरङ्गः १]]
मंगलाचरणम् ३; नरवाहनदत्तस्य कथा (क्रमागत) ३; शृगाल्याः कथा ५; वामदत्तस्य कथा ७ ॥
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9l6 तरङ्गः २] | [[/तरङ्गः ०२|तरङ्गः २]]
मृगांकदत्तस्य कथा १५; राज्ञः मद्रबाह्वः कथा १९; पुष्कराक्षस्य
कथा २३; पुष्कराक्ष एवं विनयवत्याः पूर्वजन्मस्य कथा २९ ॥
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9gd तरङ्गः ३] | [[/तरङ्गः ०३|तरङ्गः ३]]
मृगांकदत्तस्य उज्जयिनी-गमनम् ३९; श्रुतधेः कथा ४३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9gz तरङ्गः ४] | [[/तरङ्गः ०४|तरङ्गः ४]]
मृगांकदत्त एवं प्रतीहारस्य साहसम् ५९ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9o5 तरङ्गः ५] | [[/तरङ्गः ०५|तरङ्गः ५]]
गुणाकरस्य वृत्तान्तम् १०१; विनीतमतेः कथा १०१; पवित्र
- वराहस्य कथा ११५; देवभूतेः कथा १२७; दानपारमितायाः
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कथा १३९; प्रज्ञापारमितायाः की कथा १४३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9if तरङ्गः ६] | [[/तरङ्गः ०६|तरङ्गः ६]]
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत) १५७; विचित्रकथस्य कथा १५९; - श्रीदर्शनस्य कथा १५९; सौदामिन्याः कथा १६१; सुनन्दनस्य
कथा १६९; श्रीदर्शन एवं अनंगमंजर्याः कथा २०३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9oe तरङ्गः ७] | [[/तरङ्गः ०७|तरङ्गः ७]]
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत) २२१; शंखदत्तस्य कथा २४७ ॥
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9lo तरङ्गः ८] | [https://sa.wikisource.org/s/12j तरङ्गः ८]
वेतालपञ्चविंशतिः २६७; राजा त्रिविक्रमसेनस्य कथा २६९; प्रथम वेतालः : पद्मावत्याः कथा २७३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9hg तरङ्गः ९] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः ९]]
द्वितीय वेतालः : त्रयः तरुण ब्राह्मणानां कथा २९३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9o1 तरङ्गः १०] | [https://sa.wikisource.org/s/1dg तरङ्गः १०]]
तृतीय वेतालः : शुक-सारिकाया- कथा २९९; सारिका - कथितं कथा ३०१; शुक - कथितं कथा ३०५ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9gv तरङ्गः ११] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः ११]]
चतुर्थ वेतालः : वीरवरस्य कथा ३११ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9jd तरङ्गः १२] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १२]]
पंचम वेतालः : सोमप्रभायाः कथा ३२९ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/ckn तरङ्गः १३] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १३]]
षष्ठ वेतालः : रजक-कन्यायाः कथा ३३५ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9o8 तरङ्गः १४] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १४]]
सप्तम वेतालः : सत्त्वशीलस्य कथा ३४३ ॥
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9l8 तरङ्गः १५] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १५]]
अष्टम वेतालः : त्रि चतुर पुरुषाणां कथा ३५९
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9ou तरङ्गः १६] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १६]]
नवम वेतालः : राजकुमार्याः अनंगरत्याः कथा ३६७ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9nh तरङ्गः १७] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १७]]
दशम वेतालः : मदनसेनायाः कथा ३७३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9p5 तरङ्गः १८] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १८]]
एकादश वेतालः : राज्ञः धर्मध्वजस्य कथा
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9h0 तरङ्गः १९] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः १९]]
द्वादश वेतालः : यशःकेतोः कथा ३८७
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9fz तरङ्गः २०] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २०]]
त्रयोदश वेतालः : ब्राह्मण हरिस्वामिनः कथा ४११
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9ju तरङ्गः २१] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २१]]
चतुर्दश वेतालः : वणिक्पुत्र्याः कथा ४१९
 
*[https://sa.wikisource.org/s/ckq तरङ्गः २२] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २२]]
पंचदश वेतालः : शशिप्रभायाः कथा ४२७ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9mb तरङ्गः २३] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २३]]
षोडश वेतालः : जीमूतवाहनस्य कथा ४४३
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9nf तरङ्गः २४] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २४]]
सप्तदश वेतालः : उन्मादिन्याः कथा ४१७ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/958 तरङ्गः २५] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २५]]
अष्टादश वेतालः : ब्राह्मणकुमारस्य कथा ४७९
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9k6 तरङ्गः २६] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २६]]
एकोनविंश वेतालः : चन्द्रस्वामिन- कथा ४९३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9ho तरङ्गः २७] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २७]]
विंश वेतालः : राजा एवं ब्राह्मणपुत्रस्य कथा ५०७ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/cl7 तरङ्गः २८] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २८]]
एकविंश वेतालः : अनंगमंजरी एवं मणिवर्मणः कथा ५२५ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9iw तरङ्गः २९] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः २९]]
द्वाविंश वेतालः : चत्वारि ब्राह्मण भ्रातॄणां कथा ५३९ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9pc तरङ्गः ३०] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः ३०]]
त्रयोविंश वेतालः : परकाय-प्रवेशनात् पूर्वं रुदनकर्तृक तपस्विनः কথা
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9he तरङ्गः ३१] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः ३१]]
चतुर्विंश वेतालः : एकं अद्भुत कथा ५५३ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9nx तरङ्गः ३२] | [[/तरङ्गः २|तरङ्गः ३२]]
पंचविंश वेताल : भिक्षु क्षान्तिशीलस्य कथा ५६३ (वेतालपंंचविंशतिः समाप्तम्)
 
*[https://sa.wikisource.org/s/92y तरङ्गः ३३] | [[/तरङ्गः ३३|तरङ्गः ३३]]
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत) ५७१ ।।
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9ir तरङ्गः ३४] | [[/तरङ्गः ३४|तरङ्गः ३४]]
व्याघ्रसेनस्य कथा ५८१; सुन्दसेन एवं मन्दरावत्याः कथा ५८५
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9kf तरङ्गः ३५] | [[/तरङ्गः ३५|तरङ्गः ३५]]
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत)
 
*[https://sa.wikisource.org/s/9jw तरङ्गः ३६] | [[/तरङ्गः ३६|तरङ्गः ३६]]
मृगांकदेव एवं शशांकवत्याः कथा ६५५
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