← सूक्तं १९.२० | अथर्ववेदः - काण्डं १९ सूक्तं १९.२१ ब्रह्मा। |
सूक्तं १९.२२ → |
दे. छन्दांसि। एकावसाना द्विपदा साम्नी बृहती। |
गायत्र्युष्णिगनुष्टुब्बृहती पङ्क्तिस्त्रिष्टुब्जगत्यै ॥१॥
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दे. छन्दांसि। एकावसाना द्विपदा साम्नी बृहती। |
गायत्र्युष्णिगनुष्टुब्बृहती पङ्क्तिस्त्रिष्टुब्जगत्यै ॥१॥