गुरुगीता के दो प्रारूप हैं, एक वृहद रूप दूसरा लघु रूप। दोनों यहाँ दिए हुए हैं -

अनुक्रमणिका

  1. गुरुगीता वृहद रूप
    1. प्रथमोऽध्यायः (००१-१०८)
    2. द्वितीयोऽध्यायः (१०९-२३५)
    3. तृतीयोऽध्यायः (२३६-३५२)
  2. गुरुगीता लघु (००१-१७६)
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