|
|
विषयाः |
पृ. |
प.
|
शङ्खमृदङ्गादावाहतेऽशब्दायमाने फलम् |
४६९ |
१२
|
शतभिपापीडाफलम् |
२४६ |
१०
|
शत्रुकलहशान्तिः |
४८८ |
३
|
शत्रुघातार्थं शान्तिः |
७३३ |
१७
|
शनिनक्षत्रचारफलम् |
१४१ |
८
|
शनिनक्षत्रचारविशेषफलम् |
१४६ |
१०
|
शनिपीडाकृदुल्काफलम् |
३३८ |
१३
|
शनिमार्गफलम् |
१४६ |
२१
|
शनिवक्रफलम् |
१४७ |
२६
|
शनिवर्णफलम् |
१४० |
१२
|
शनिविकारजं निमित्तफलम् |
४२८ |
३
|
शनैश्चरस्वामिकानि |
१३८ |
२३
|
शनैश्चराद्भुतम् |
७२२ |
१४
|
शनैश्चराद्भुतशान्तिः |
१४८ |
७
|
" |
७२२ |
१८
|
शनैश्चराद्भुतावर्त्तः |
१३८ |
१७
|
शनैश्चरे वर्षाधिपे फलम् |
२३४ |
४
|
शनैश्चरोत्पातपाकः |
१४८ |
१९
|
" |
७४६ |
१६
|
शन्युदयास्तफलम् |
१४७ |
१२
|
शब्दविकारपाकः |
७४७ |
१९
|
शय्याज्वलने फलम् |
४१७ |
१५
|
शरद्विकृतिः |
७४३ |
३
|
शरीरकम्पे फलम् |
५४५ |
२३
|
शलभप्राचुर्यफलम् |
६७० |
१६
|
शवदोषशान्तिः |
४८९ |
२३
|
|
|
|
विषयाः |
पृ. |
प.
|
शस्त्रज्वलनादौ शान्तिः |
४८१ |
१०
|
शस्त्रधावने फलम् |
४७८ |
१
|
शस्त्रनमनोन्नमनफलम् |
४७७ |
२३
|
शस्त्रनिपतनोत्पतने फलम् |
४७८ |
१
|
शस्त्रभङ्गपलपाकः |
७४५ |
२२
|
शस्त्राद्भुतावर्त्तः |
४७७ |
१९
|
शस्त्रे केशवहिर्गते फलम् |
४७७ |
२४
|
शस्त्रे धूमज्वालादौ फलम् |
४७७ |
२०
|
शस्यातिवृद्धौ फलम् |
४५४ |
७
|
शान्तिफलम् |
७३६ |
१३
|
शान्तिभेदाः |
७३३ |
११
|
शान्तिस्वस्त्ययनफलपाकः |
७४५ |
५
|
शिरसि काकादिपतनफलम् |
४३४ |
२०
|
शिरसि पल्लीपने फलम् |
४३४ |
१०
|
शिलामण्डपदाहशान्तिः |
४२१ |
१२
|
शिवलिङ्गविकारजं निमित्तफलम् |
४३३ |
१०
|
शिवलिङ्गविकारे विशेषशान्तिः |
४३४ |
१६
|
शिवलिङ्गविकारे शान्तिः |
४३३ |
१२
|
शिवाक्रोशनविकृतिः |
५५६ |
२३
|
शिवाया दिक्चक्रयामप्रकरणम् |
६६४ |
१६
|
शिवाया दिक्चेष्टाफलम् |
६६० |
६
|
शिवाया दिक्षु दिनयामभेदत्तो रुतफलम् |
६६३ |
२२
|
शिवाया दिक्ष्वेकादिरुतेषु फलम् |
६६१ |
११
|
|