पृष्ठम्:आर्यभटीयम्.djvu/243

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१९२ ARY ARHATTY A-VY AK YA वृत्तपरिणाहः (गणित 10 d) 46 वृत्तफलम् (, 7 b) 42 वृत्तभपञ्जरमध्ये (गोल 6 a) 129 वृत्त भ्रमेण साध्यं (गणित 13 a) 52 वृत्ते शरसंवगोंऽर्धज्या (, 17 c) 56 व्यतीपाताः (काल 3 d) 82 व्यासोऽकॅन्द्वो: (गीति 7 b) 22 व्येकेन पदेन हृत (गणित 29 c) 67 शङ्कुगुणं शङ्कुभुजा (, 15 a) 53 शङ्कुगुणा कोटी सा (, 16 c) 54 शङ्कोः प्रमाणवर्ग (, 14 a) 52 शनिगुरुकुजभूगु (गीति 10 d) 28 शनिगुरुकुजेषु मन्दात् (काल 22 c) 107 शनिडुङ्विध्व (गीति 3 c) 2 शशि ङञण (, 7 d) 22 शशि चयगियिङ्गु (, 3 a) 2 शशिताराग्रहयोगात् (गोल 48 c) 182 शशिदिवसा विज्ञेयाः (काल 6 c) 87 शशिनश्छग (गीति। 10 b) 28 शशिनं महती च (गोल 37 d) 69 शशिमासार्धं पितरः (, 17 c) 138 शशि राशयष्ठ चक्र (गीति 6 a) 20 शशिविक्षेपोऽप (, 8 b) 24 शीघ्रक्रमाच्चतुर्था (काल 16 c) 100 शीघ्राच्च स्फुटा ज्ञेयाः (, 23 d) 108 शीघ्रोच्चादधींनं (, 24 a) 109 शीघ्रात् प्रतिलोम (, 21 b) 104 शीघ्रोच्चेनापि (गोल 3 d) 124 शेषपरस्परभक्तं (गणित 32 c) 70 शेषस्तात्कालिको ग्रास: (गोल 44 d) 177 षडेव वा प्राणाः (काल 2 b) 80 षड्भक्तः स चितिघनः (गणित 21 c) 61 षष्टिर्नाड्यो दिवसः (काल 1 b) 80 षष्टिस्तु विनाडिका (, 1 d) 80 षष्टयब्दानां षष्टिर्यदा (काल 10 a) 92 षष्टया सूर्याब्दानां (, 12 a) 95 सदसज्ज्ञानसमुद्रात् (गोल 49 a) 183 सदृशत्रयसंवर्गों (गणित 3 c) 35 सज्ज्ञानोत्तमरत्नं (गोल 49 c) 183 सप्तैते होरेशाः (कालः 16 a) 100 समचापज्यार्धानि (गणित 11 c) 47 समदलकोटी भुजार्ध (, 6 b) 39 समपरिणाहस्यार्ध (, 7 a) 42 समवृत्तपरिधिपादं (, 11 a) 47 समार्कसमाः (गीति 7 d) 22 समं प्रवृत्तास्तु (काल 11 b) 95 समं भ्रमन्तः स्वकक्ष्यासु (, 12 d) 95 सम्पर्कस्य हि वर्गाद् (गणित 23 a) 62 सम्पकर्धाच्छोध्यं (गोल 44 c) 177 सर्वग्रासे कपिल: ( 46 c) 180 सर्वधनं तद् (गणित 29 d) 67 सर्वेषां क्षेत्राणां (, 9 a) 45 सवितुरमीषां च (गीति 9 c) 25 सा विषुवज्ज्योना (गोल 31 a) 158 साध्या जलेन समभूः (गणित 13 c) 52 सिद्धपुरे (गोल 13 b) 133 सुकृतायुषोः प्रणाशं (, , 50 c) 184 सूर्यशङ्क्वग्रम् (, 29 d) 156