विषयाः.
श्करम् श्रीविह्नान्यम्
ब्राह्यणविमःः न!धिकारः
तत्र सोमच्छन्दम् नागच्छन्दुम् कुड्यावतम् दविष्टकम् भ्रीवधनम् पद्मगूहम् मरक्षागृहम् क्तुवर्धनम् कृत्छ्षम् भानुकान्तम् मष्यन्तकान्तम् चन्द्रकान्तम्
क्षाच्र्यविमान,धिकारः
तत्र चनु स्फुटम् मन्द्रपूतम् भावन्यम् महच (न्प्रीकःन्तम् वजयान्चम् विशालम.म् गाणकः।. दाशम् वणमपव्रक्म कणेदाल य् पद्मवस-नम् दन्दफान्नम् ५२१ न्तम्
खष्टम्. २८३ 49
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मा जम क म, जिन न
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विषयाः. सदैलाङितम् मत्यन्तकान्तम् विश्ारम्
उत्परपत्रम्
महाराजच्छन्दम् मालीगरहम् न> विश्ारम् पृथिवाजयम् सवङ्गसुन्द्रम् छायागृहम् रतिवधनम् विटश्यद्रकिमानाधेकारः विज्ञारखारुखः चतुष्पादिकम् तुरङ्वद्मम् ग.णकापिण्डकृम् दपनच्कन्दम् क्करपुच्छकम् उन्परम्
सुण्डप्रःसाद्रम्
तरखविभागाधिकारः
तत्र माक्तिविमानाशिरारः
छन्द विमानए्चकारः विकल्यःवमान्ःनि भाभ।सत्मानानि
रुद्र विमानाधिफारः तख्विभःग प्रक!रान्तरम् उपपः्टा च+;
न: 9०. २९६ १>
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