पृष्ठम्:गायत्रीमन्त्रार्थविवृतिः.djvu/३

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- ॥ भूमिका ॥ डों सब से बलवान् कालबल ही है । इस लिए कलियुग के व्यतीतहुए २६ वर्ष अधिक पंचसहस्री तक हिन्दूधर्म प्रतिवर्ष प्रतिमास प्रतिदिन घटता ही है, अब तो इस समयपर सब तरह से बहुत अल्प चातुर्वर्णिकधर्म भारत में शेषरहा है । अधर्म प्रतिदिन वृद्धि । पाकर अधिक से अधिक होगया है ॥ “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहमिति" इस भगवद्वाक्य से विदित होता है । कि अवतार का समय पास अाया होगा । परंतु कलियुग का प्रमाण अभी बहुत लम्बा है । इस हेतु से अवतार इस समय नहीं होने वाला है । तो भी उस परमकृपालु सर्वान्तर्यामी परमेश्वरने श्री (दर)जातीय धर्मध्वजावलम्बि