शुराड चतुर्वेदीकोष । ३५६ शुराड, ( पुं. ) सूँड़ ( हाथी की ) | शराब खाना। (स्त्री. ) वेश्या । कुटनी | शुण्डार, (पुं. ) कलाल | हाथी । शुद्ध, (न. ) सैन्धव लवण | शुद्धवली (स्त्री.) गिलोय | शुद्धान्त, ( पुं. ) राजा का रनवास अन्तःपुर | शुद्धा पहुति, ( स्त्री. ) अर्थसम्बन्धी अलङ्कार विशेष । शुद्धि, ( स्त्री. ) सफाई | दुर्गा | देवी । शुद्धौदनि, ( पुं. ) बुद्ध का पिता | शुध् (क्रि. ) साफ़ होना | घटाना | शुन्, (क्रि.) जाना शुन, (पुं. ) कुत्ता | शुनःशेफ, (पुं.) विश्वामित्र का श्रजीगर्त के श्रौरस से उत्पन्न । शुनक, (पुं.) मुनि विशेष । कुत्ता पिल्ला । धर्मपुत्रशुल, (न. ) ताम्र | ताना। रस्सी । . । } ( पं. ) इन्द्र ॥ उल्लू । शुनाशीर, शुनासीर, शुनी (स्त्री.) कृतिया शुन्धु, (क्रि. ) साफ करना । शुम्भू (क्रि. ) चमकना चमकाना | शुभ, (न. ) मङ्गल। भलाई ( त्रि. ) । भलाई वाला । शुभंयु, (त्रि.) शुभान्वित | भलाई वाला | शुभमंह, (पुं.) साधुग्रह | अच्छा ग्रह । शुभङ्कर, (त्रि.) मङ्गलकारक। शुभद, ( पुं. ) पीपल का पेड़ ( त्रि. ) मङ्गलकारी | शुभ्र, (न.) अवरक | रूपा । चन्दन । सैंधा नॉन । शुभ्रदन्ती, ( स्त्री. ) पुष्पदन्त दिग्गज की इथिनी । शुम्भ, (पुं. ) एक दानव विशेष । शुम्भमर्दिनी, (श्री. ) शुम्भ दैत्य को मारने वाली देवी दुर्गा | शूकं शुरू (क्रि. ) मार डालना। शुल्क, (क्रि. ) कहना। देना । वह द्रव्य, जो इनाम के तौर पर चिड़िया पशु आदि को फँसाव से छुड़ाने को दिया जाय । भेट | उपहार • शुल्क, ( पुं. न. ) मोल फ़ीस कर (टैक्स)। घाट आदि की उतराई में दिया जाने वाला द्रव्य | श्रनियमित द्रव्य । एक प्रकार का स्त्रीधन लड़की का मूल्य दहेज यौतुक । देखो शुल्क् क्रिया । शुल्कस्थान, ( न. ) चुकी वसूल करने का स्थान | उपहार बँटने की जगह वह कचहरी, जहाँ लगान या फ्रीस आदि दिया जाय । शुल्च, (न.) आचार। यज्ञ का कार्य । रस्सी तामा । शुश्रूषण, (न. ) सेवा करना | सन्तोषप्रद चेष्टा करना । शुश्रूषा, ( स्त्री. ) सुनने की चाह । उपासना सेवा बरदाश । परिचर्या । शुष, (क्रि.) सूखना शुष, (पुं. ) गर्त | गढ़ा। बिल | शुषिर, (न.) छिद्र बंसी आदि बाजा (त्रि. ) सच्छिद्र ( पुं.) मूसा | आग | शुष्क, (त्रि.) धूप आदि से सूख गया । सूखा शुष्कल, (न.) सूखा हुआ मांस | शुष्कवैर, (न.) उद्देश्यशून्य कलह | व्यर्थ की शत्रुता या वैमनस्य । शुष्कत्रण, (पुं.) सूखा घाव शुष्मन्, (न.) तेज | शौर्य । ( पुं. ) अग्नि । चित्रक वृक्ष | शुक, (. पुं. न. ) यव शिखा। नोक। काँटा दया। ममता । एक प्रकार का विषैला कीड़ा। शकर, (पुं.) सुअर
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