पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३७१

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सुन्दा चतुर्वेदीकोष । ३७५ सन्दाम, (न. ) बंधन | अच्छे प्रकार तोड़ना । अच्छे प्रकार दान करना । ( पुं. ) हाथी के घुटनों के नीचे का भाग सन्दानिनी, ( स्त्री. ) गोगृह | गोशाला सन्दाव, (पुं. ) भागना | सन्दाह, (पुं. ) पूरी जलन । सन्दिग्ध, (त्रि.) सन्देहयुक्त | सन्दित, (त्रि. ) बद्ध । सन्दिष्ट, (न. ) सन्देसा | सन्दिहान, (त्रि.) सन्देह वाला । सन्दी, ( स्त्री. ) खाट । चारपाई । सन्देशहर, (पं.) सन्देशहारक | सन्देह, (पुं. ) संशय सन्दोह, (पुं. ) समूह । भली प्रकार दुहना । सन्द्राव, (पुं. ) भागना | सन्धा, ( स्त्री. ) स्थिति प्रतिज्ञा । मेल । मदिरा निकालना। खोज | सन्धान, (न. ) अनुसन्धान मेल गौ बांधने की शाला | सन्धि, (पुं. ) संभोग | जोड़ | ऐंडा सुरङ्ग | नाटक का एक अङ्ग व्याकरण में दो वर्गों के एकत्र होने से उत्पन्न वर्णविकार | सन्धिचौर, (पुं. ) सेन्ध फोड़ कर चोरी करने वाला चोर | सन्धित, (त्रि. ) मिला हुआ । सन्धिती, ( स्त्री. ) बैल के संयोग से गर्भ- धारिणी गौ । सन्धिपूजा, ( स्त्री. ) आश्विन की शुक्ला अष्टमी और नवमी की सन्धि की पूजा | सन्धिबन्ध, ( पुं.. ) भूमिचम्पक | इसको खाने से टूटी हुई हड्डी का जोड़ भी मिल जाता है। सन्धिविग्रहादिकारिन्, (पुं. ) मंत्री जिसे राजा की ओर से मेल अथवा युद्ध करने को अधिकार प्राप्त हो चुका है । सन्धिवेला, ( श्री. ) सन्ध्या का समय | साम-संबरा | सन्नि सन्धिहारक, ( पुं. ) सुरङ्ग से दूसरे के धन को लेजाने वाला । सन्धुक्षित, ( त्रि. ) भड़काया गया । प्रकाशित । सन्धेय, (त्रि. ) मिलाने योग्य | • सन्ध्या, ( स्त्री. ) दिन और रात के मिलने . का समय | सन्धिकाल | सन्ध्याकाल का कर्म | देवता । एक नदी । ब्रह्मा एक स्त्री | सन्ध्यानटिन्, ( पुं. ) शिव । शङ्कर सन्ध्याभ्र, (न. ) सुवर्ण | गेरू । साँझ का बादल. सन्ध्याराग, ( न. ) सिन्दूर | सेंदुर । सन्ध्याराम, ( पुं. ) ब्रह्मा ।

  • सन्न, ( पुं. ) पियाल का पेड़ | ( त्रि. )

अवसन्न | बौना | सन्नत, (त्रि. ) झुका हुआ । सन्नद्ध, (त्रि. ) कवचधारी | तैयार उत्पन्न हुआ। समय, ( पुं. ) समूह | बहुतसा | सन्नहन, (न. ) उद्योग | हिम्मत । पूराह बन्धन | सन्नाह, (पुं. ) कवच सन्निकर्ष, (पुं, ) सामीप्य | विषय और इन्द्रिय का व्यापार उपाय विशेष । सन्निकर्षण, (न.) सन्निधान । सन्निधि, ( पुं. ) सामीप्य सनिपतित, (त्रि.) मरगया । मिला हुआ उपस्थित । • सन्निपात, ( पुं. ) नीचे गिरना । इकट्ठा होना उतरना। भिड़ना। समूह ज्वर विशेष नाश । उपस्थिति । ताल विशेष सन्निबंधन, (न. ) कई स्थलों में बिखर हुए . वाक्यों को एकत्र करना तथा तदुपयोगी अन्य | (त्रि. ) अच्छी आजीविका वाला । सन्निभ, (त्रि. ) सदृश | समान |