संमी समीची, रै स्त्री. ) प्रशंसा | स्तुति | सम्रज, (न.) मक्खन । सामीप्य, (न. ) निकट | पास | सारणि, १ (स्त्री. ) छोटी नदी | संक्षिप्त सामुद्र, (पुं.) समुद्रयात्री । ( न. ) समुद्री सारसी, 3 रीति से ग्रहों की चाल को जताने नोन। शरीर पर चिह्न । 1 • चतुर्वेदीकोष | ३८७. . सामुद्रक, (न. ) समुद्री नमक सामुद्रिक, (त्रि. ) समुद्री । ( पुं . ) जो हाथ की रेखा तथा शरीर के अन्य चिह्नों को देख कर मनुष्यों के अच्छे बुर फलों को बत जावे | साम्परायिक, ( न. ) परलोक के लिये हितकारी | साम्प्रतम् ( अच्य. अब योग्य । ठीक ठीक । उचित । साम्य, (न.) बराबरी । समान धर्म | साम्राज्य, ( न. ) बादशाहत दत लाखु योजन भूमि पर शासन करने वाला सायं उन्ध्या, ( स्त्री. ) दिन के अन्त की सन्ध्या | सायं सन्ध्या के समय उपासना विशेष | सायक, ( पुं. ) बाण | तीर | खड्क | सायन्तन, (त्रि. ) दिनान्त में हुआ | साथस् (श्रव्य. ) साँझ | सायाह, ( पुं. ) सन्ध्या | साँझ | सायुज्य, ( न. ) साथ जुड़ना । सार, (न. ) जल | धन | मक्खन | लोहा | बन | बल | स्थिर अंश | वायु । ( त्रि. ) अच्छा । सारगन्ध, (पुं. ) चन्दन | सारघ, (पुं. ) मधु । क्षौद्र । सारङ्ग, (पुं. ) चातक । पपीहा । हिरन | हाथी भौंरा छत्र | राजहंस वाद्ययंत्र भेद कपड़ा। अनेक रङ्ग । मोर | कामदेव | कमान | बाल | भूषण | कमल का फूल । शङ्ख चन्दन कपूर । फूल । कोइल | बादल । शेर रात । भूमि | दीप्ति | चक्षक | साङ्गिक ( पुं. ) बहेलिया | शिकारी | व्याध | सार्व । वाला ज्योतिष का ग्रन्थ विशेष | सारथि, (पुं. ) गाड़ीवान | नियन्ता | • सारदा, ( स्त्री. ) सरस्वती । स्सारमेय, ( पुं. ) कश्यपपत्नी सरमा का पुत्र | कुत्ता । सारध, (त्रि.) सरयू नदी में उत्पन्न । कोला- हल पूर्ण | सारस, (न. ) कमल का फूल कटिभूषण । • चन्द्रमा हंस एक पक्षी विशेष | सारस्वत, (त्रि. ) सरस्वती का । सारस्वत देश का । ( पुं. ) सरस्वती नदी के तट वाला देश । ब्राह्मणों में से एक विशेष ब्राह्मण सरस्वती के पूजन का विधान विशेष | व्याकरण का छोटा ग्रन्थ जिसे धनुभूति स्वरूपाचार्य ने सरस्वत्नी के ७०० सूत्रों की माला के आधार से बनाया था । सारस्वतकल्प, (पुं. ) तंत्र की विधि के अनुसार सरस्वती के पूजन का विधान विशेष | सारि, } ( श्री. ) पाँसा फूंकने वाला । जारी, शतरण का खेल खेलने वाला | सारिका, (स्त्री० ) मैच चिड़िया | सार्थ, ( पुं. ) ममूह | जीवों का समूहै। धनी । बानयों का गिरोह | तीर्थयात्रियों की मण्डली | सार्थबह, ( पुं. ) व्यापारी | साहूकार | बनिया | साई, (त्रि. ) गीला | भोगा हुआ साई ( श्रव्य. ) साथ । सङ्ग । सार्प, (न. ) श्लेषा नक्षत्र | सार्पियक, (त्रि.) घी में पकाया हुआ अन्न | सार्वजनीन (त्रि. ) सब लोगों में जाना हुआ | सर्व साधारण का सार्वत्रिक, ( त्रि. ) सब समयों में हुआ | सब जगह हुआ |
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