पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/४०१

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हरि हरिद्वार, (नं. ) इस नाम का एक तीर्थ गङ्गा जी का आर्यावर्त में आने का मुहाबा । चतुर्वेदकोष । ४०५ गाद्वार | हरिनामन्, ( न. ) हरि का नाम । ( पुं: ) मूँग । हरिनेत्र, (न.) विष्णु की आँख । सफेद कमल | ( पुं. ) उल्लू । हरिन्मणि, ( पुं. ) पन्ना । हरिभक्क, (त्रि.) विष्णु का भक्त । हरिभुज् (पुं. ) सर्प हरिवंश, (पुं, ) एक पुराण-इसके विधि- पूर्वक सुनने से पुत्रहीन को पुत्र होता है । हरिवर्ष, (न. ) जम्बुद्वीप के नौ वर्षों में से एक । हरिवासर, ( न. ) एकादशी का दिन | भाद्रपद और• कार्तिक में क्रमशः अनुराधा, श्रवण और रेवती नक्षत्रों के प्रथम द्वितीय और चतुर्थ चरणों से युक्त छादशी | इन द्वादशियों में भूल से पारण करने वाले का बारह महीने का फल नष्ट हो जाता है। हरिवाहन, ( न. ) गरुड | इन्द्र का वाहन | ऐरावत | हरियज, (न. ) हड़ताल | 'हरिशयन, ( न. ) भाषाढ़ शुक्ला एकादशी से कार्तिक शुक्ला १२शी तक । चार मास का समय पाढ़ी एकादशी का व्रत । हरिश्चन्द्र, (पुं. ) सूर्यवंशीय | अयोध्या के एक राजा का नाम, जिसने सत्य पालन के लिये अनेक प्रकार के कष्ट सहे थे । हरिसङ्कीर्तन, ( न. ) हरि का नाम लेना । हरिहय ( पु. ) इन्द्र हरिहर, ( पुं. ) मूर्ति विशेष जिसका आधा शिव का और श्राधा विष्णु का है । हरिहरक्षेत्र (न. ) पटना के उत्तर का ( गड़ा और गएडकी के सक्षम वाला ) एक तीर्थ विशेष | हषि हरीतकी, (स्त्री. ) हरे या हर्र का पेड़ । हर्तृ, (त्रि. ) चोर । ( पुं. ) सूर्य | हर्म्य, (न.) महल । राजप्रासाद | हर्य्यक्ष, (पुं.) पीली आँख वाला। शेर । कुबेर । हर्यश्व, (पुं. ) इन्द्र | प्राचीनबर्हि राजा के अयोनिज दश पुत्र | हैर्ष, (पुं. ) सुख । देवता विशेष । ( त्रि. ) प्रसन्न हर्षण, ( पुं. ) विष्कम्भ आदि में चौदहवाँ योग । ( त्रि. ) ह्येप्रद । ( न. ) सुखी करने वाला | हर्षमाण, ( पुं.) श्राद्ध का • (त्रि.) प्रसन्नचित्त | हर्षिणी, ( स्त्री. ) भाँग । करने वाली । हर्षित, ( त्रि. ) प्रसन्न हुआ। हल्, (क्रि. ) खींचना । हल, (न. ) लाङ्गल | हल । हलधर, (पुं. ) बलराम किसान | हलभूति, ( स्त्री.) खेती बारी । किसानी हला, ( स्त्री. ) सखी । पृथिवी । जल । इलायुध, ( पुं. ) बलराम । किसान | हलाहल, ( पुं. ) उम्र विष जो देव-दैत्यों के समुद्र मथने से पहले पहल निकला था और शिव जी ने पिया था, पीते समय अंगुलियों की सन्धि से चुई बूँदें एक, दो, आधी खा लेने वाले जीव साँप, बीछू, बर्र आदि हो गये । संखिया बचनाग ( सींगिया)। हलिन्, (पुं.) बलराम । किसान | हल्य, ( त्रि.) जोता हुआ खेत | हलसम्बन्धी | हव, ( पुं. ) यज्ञ | श्र(ज्ञा | होम | बुलउश्रा | हवन, (न.) होम | हवनी, ( स्त्री. ) यज्ञकुण्ड । हवनीय, (त्रि.) होम का पदार्थ । हविष्यान, ( न..) पवित्र अन्न जो अग्नि में हवन किया जा सकता है और व्रत आदि में खाने योग्य हो | द्रव्य विशेष |