पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/४०२

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हवि . 'हविस्, (न.) होम योग्य प्रत्येक पदार्थ । हव्य, ( न. ) देवताओं के निमित्त । होम करने योग्य द्रव्य | हव्यवाह, (पुं. ) आग्न । जो हवन की चीजें जिनके नाम दी जायँ उन्हें पहुँचा दे । हस, (क्रि.) हँसना । हास, } ( पुं. ) हँसना । . हसन, (न. ) हास्य | हँसना । इसन्ती (स्त्री. ) अङ्गी । (क्रि. ) हँसने चतुर्वेदीकोष । ४०६ . • वाली । हसित, (न.) हँसना ( त्रि. ) हँसा हुआ | खिला हुआ । हस्त, ( पुं. स्त्री. ) हाथ | हाथी की सूँड़ । • अश्विनी से तेरहवाँ सारा | हस्तामलक, ( न. ) सहज ही में देखने योग्य पदार्थ । जैसे हाथ में रक्खा हुआ आँवला सब पूरा पूरा सहज में दीखता है। वेदान्त का अन्थ विशेष । करामलक । हस्तिक, (न. ) हाथियों का समूह | हस्तिदन्त, (पुं.) हाथी का दाँत घर की दीवाल में गाड़ी गयी कील । हस्तिन्, ( पुं. ) गज | हाथी । चन्द्रवंशी एक राजा । हस्तिनापुर, (न. ) नगर । दिल्ली। पाण्डवों की राजधानी । हस्तिनी, ( स्त्री. ) हथिनी | स्त्री विशेष | हस्तिप, ( पुं. ) महावत | हाथीवान् । हस्तिमद, ( पुं. ) हाथी का मद । एक प्रकार का गन्ध वाला द्रव्य | हस्त्यारोह, (पुं.) महावत | हाथीवान् । हा, (क्रि.) छोड़ना । त्यागना । जाना । हा, ( श्रव्य. ) विषाद। शोक | पीड़ा | निन्दा | हाटक, (न. ) एक देश | उस देश में उत्पन्न सोना । धतूरा । ( त्रि. ) सुवर्ण का बना हुआ। हान, (न.) परित्याग । छुड़ाव हिंसा . हानि, ( स्त्री. ) क्षति । नुक्सान | हायन, (पुं. ) धान | वर्ष । ( स्त्री. ) श्राग की लाट | हार, ( पुं. ) मोतियों की माला। बाँटने वाला। विभाजक | हारक, ( पुं. ) चोर | धूर्त | स्नच्चर | भाजक श्रङ्क | (त्रि.) चुराने वाला | हारावली, ( स्त्री. ) मोतियों की माला । हारिद्र, (त्रि.) हल्दी से रहा हुआ । ( पुं. ) कदम्ब का पेड़ | हारिन्, (त्रि. ) चुराने वाला । हार वाला। मनोहारी । हारीत, ( पुं. ) एकं मुनि । धर्मशास्त्र बनाने वाला । एक पक्षी | धृ । हबई, (न. ) स्नेह | प्रेम । ( त्रि. ) हृदय में उत्पन्न या मन में जाना हुआ। हार्थ्य, ( पुं. ) बहेड़ा| (त्रि. ) ले जाने योग्य ( पुं. ) बलराम । इल हाल, हाला, ( स्त्री. ) मद । तालरस की मदिरा । हालाहल, ( पुं. न. ) उम्र विष विशेष कीड़ा विशेष ( श्री . ) । मदिरा । ( देखो हलाहल ) | हालिक, (त्रि. ) किसान | हलका | हावं, ( पुं. ) श्राह्वान | स्त्रियों की शृङ्गार भाव से उत्पन्न चेष्टा । हास्तिक, (न. ) हाथी का समूह | हास्तिन, (न. ) इस्तिनापुर | दिल्ली। हास्य, (न.) हँसना । अलङ्कार का रस विशेष | हाहाकार, (पुं.) शोक का शब्द (हाय हाय )। हि, (क्रि.) बढ़ना जाना हि, ( श्रव्य. ) हेतु | कारण | निश्चय | विशेष | प्रश्न । क्योंकि । शोक | श्लोक का पूरक । हिंसक, ( पुं. ) भेड़िया यादि हिंसक पशु शत्रु | (त्रि. ) हिंसा करने वाले । हिंसा, ( श्री. ) वध किसी को प्राणों से मारना या चोरी करना सताना श्रादि