पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/४४

एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

अपा चतुर्वेदीकोष । ४३ अपाङ्ग (पुं. ) नेत्रका अन्तभाग कटाक्ष | कः, (पुं. ) अपामार्ग नामक पौधा | कटाक्ष | (त्रि. ) हीन । अपाङ्गदर्शनम्, (न. ) कटाक्ष | कटाक्ष से देखना | अपाटयम्, ( न. ) रोग पद्धताका अभाव | चतुराई के विना | बेवकूफी अपात्रम्, ( नं. ) अयोग्य | योग्यताहीन निन्दित । दुराचारी | अपात्रीकरणम्, (न. ) नवविध पापों में से एक पाप का नाम । यह चार प्रकार का होता है । ( १ ) निन्दित से धन लेना ( २ ) व्यापार करना ( ३ ) शुद्धसेवा ( ४ ) असत्य बोलना | श्रपादन, (न. ) छः कारकों में का पाँचवां कारक । जिस वस्तु से दूमरी वस्तु का

  • विभाग होता है वह अपादान कहा जाता है ।

ः, (पुं. ) नीचे जाने वाला शरीर का | श्रपिधान, (न. ) आच्छादन | ढकना । पिनद्धः, (त्रि.) पहना हुआ वस्त्र । अपीच्यम्, (त्रि.) अत्यन्त सुन्दर | अपीनम्, (त्रि. ) पीनसरोगरहित । नासिका के एक रोग का पीनस कहते हैं उससे रहित । दुबला | श्रपुच्छा, ( स्त्री. शिखरहीन शिशपा वृक्ष । ( त्रि. ) पुच्छहीन । अपुनरावृत्ति, ( स्त्री. ) जहाँ से पुनः आवृत्ति न हो । मुक्ति । मोक्ष । अपुनर्भवः, ( पुं. ) पुनः जन्म का अभाव । मोक्ष मुक्ति। संसारबन्धन का नाश | पुष्पफलदः, वायु । ) वनस्पति । जो विना पाप (त्रि.) पापरहित । निष्पाप | फूल के भी फल दे । → (त्रि.) धर्माधर्मरहित । पः, (पुं. ) पिष्टक पूचा मालपूश्रा | अपामार्गः, (पुं. ) श्रौषधविशेष एक पौधे अपूण्यम्, (न.) जिसके पू बनते है । थाटा । अपूरणी, (श्री.) शाल्मलिवृक्ष | सेमल का पेड़ | अपूर्चः, ( त्रि. ) पहले का नहीं देखा गया । अद्भुत | अविदित । श्रज्ञात | श्राश्चर्य | ( पुं. ) आत्मा | कारणशून्य । पूर्वविधि, ( पुं. ) अन्य प्रमाणों स का विधान करने वाला । अक्षणीयः, (त्रि.) अपेक्षा के योग्य | पेक्ष (स्त्री.) कांक्षा कार्य और कारण का परस्पर संबन्ध । का नाम । चिचड़ा | अपाम्पतिः, ( पुं. ) समुद्र । वरु॑ण । ? यः (पुं. ) वियोग नाश हटना । दुःख आपत्ति । र (पुं. ) समुद्र । जिसका पार न हो । जिसकी अवधि न हो। सागर । पार्थः, (त्रि. ) अर्थ शून्य | निरर्थक अर्थ रहित । अपावृतः, (त्रि. ) खुला हुआ । स्वतन्त्र | उद्घाटित | पाश्रयः, ( पु. ) आश्रयशून्य आश्रय रहित । चन्द्रवा । • पासनम्, (न.) मारण | अपास्तः, ( त्रि. ) निरस्त अवधीरिन । निरस्कृत हटाया हुआ | अपे श्रपि, ( अ ) सम्भावना । प्रश्न | शङ्का | गर्दा । समुच्चय | अनुशा | धारण अपिगम्, (न.) स्तुत। प्रशंसित । जिसकी स्तुति की गयी हो । अपितु, ( . ) किन्तु । यदि । यद्यपि । एक अव्यय है । IN अपेक्षवुद्धि, (सी.) अनेक विषयक बुद्धि | जो बुद्धि अनेक विषय की हो । अपेक्षितः, (त्रि. ) ईप्सित | अभीष्ट | अपेतः, ( त्रि. ) रहित । अपेतकृत्यः, (त्रि.) कार्यशय | कृतकृत्य जिसके कोई काम न हो ।