श्रम " चतुर्वेदीकोष आत्मघातिन्, (त्रि. ) जो वृथा ही जल में डूब कर अथवा अग्नि में जल कर अपने प्राण गँवावे आत्मघाती। अपनी हत्या करने वाला । आत्मघोष, (पु.) स्वयं अपने को बुलाने वाला । कौवा । कुक्कुर आत्मज (पुं.) स्वयं उत्पन्न होने वाला अथवा अपने से उत्पन्न वाला अर्थात् पुत्र । यथा - " आत्मा वै जायते पुत्रः । " आत्मजन्मा का प्रयोग भी इसी अर्थ में होता है। लड़की | कन्या | मन से उत्पन्न हुई बुद्धि । आत्मदर्श, (पुं. ) दर्पण | शीशा । धारसी । बट्टा । आत्मन्, (पुं. ) | प्राण । परमात्मा । मन | बुद्धि | मनन शक्ति । मूर्त्ति । पुत्र "आत्मा वै पुत्रनामासि" । स्वरूप | यत्न । देह । वृत्ति । सूर्य । अग्नि । वायु । जीव । ब्रह्म । आत्मबान्धव, (पुं.) अपने भाई बन्धु । मौसी के लड़के, युआ के लड़के, ममेरे भाई – ये सब अपने बन्धु हैं। आत्मभू, (पुं. ) जो मन से अथवा देह से उत्पन्न होता है। ब्रह्मा । कामदेव | आत्मनीन, (त्रि. ) अपना | पुत्र | साला | विदूषक । अपना हित चाहने वाला । स्वहितकारी । आत्मनेपद, (न. ) अपने लिये पद । संस्कृत व्याकरण में दो पद वाली धातुएँ होती हैं - एक आत्मनेपद की दूसरी परस्मैपद की । आत्मम्भार, (त्रि.) पेटू। अपना ही पेट भरने वाला । स्वार्थी । लोभी । लालची । अपना ही पालन करने वाला । . श्रात्मयोनि, (पु.) विष्णु | शिव । ब्रह्मा | कांमदेव । आत्मरक्षा (स्त्री.) निज रक्षा। अपनी रक्षा | आत्महन्, ( पुं. ) अपने को मारने वाला । । ७२ आदा. आत्मा न तो कर्त्ता है, न भोक्ता है और न स्वयं प्रभु है, किन्तु जो इसे कर्त्ता भोक्ता आदि माने । जिसे यथार्थ आत्मज्ञान नहीं है। मूर्ख | अज्ञानी । यात्मघाती । अपने को मारने वाला मनुष्य श्रात्माधीन ( पुं. ) अपने वश अपने अधीन पुत्र | साला । • प्राणाश्रय । • श्रात्माश्रय, (पुं.) अपना आश्रय लेने वाला । तर्क का एक दोष अर्थात् जिसे अपनी अपेक्षा आप ही हो । श्रात्मसात्, (श्रव्य.) अपने वश में । (क्रि. ) हड़प जाना। दूसरे का धन विना धनी की अनुमति के अपने काम में ले जाना । श्रात्मीय, (त्रि.) अपना अपना सम्बन्धी । आत्म्य (त्रि.) अपना । व्यक्तिगत । निज का । आत्यन्तिक, ( त्रि. ) अनन्त । अविरत | स्थायी । अविनाशी । बहुत । अतिशय । त्यकि, (त्रि.) नाशकारी । उपद्रवी । अभागा | कष्टदायी । शीघ्र नाशशील । विलम्ब न सहने वाला । असाधारण । विशेष | आत्रेय, ( पुं. ) अत्रि मुनि का सन्तान | शरीर सम्बन्धी रस धातु । अत्रि वंशोद्भव | शिव जी का नाम एक नदी का नाम जो उत्तर में है। आत्रेयी, ( स्त्री. ) रजस्वला स्त्री ऋतुमती स्त्री । तिष्टा नाम की एक नदी । अत्रि मुनि की भार्य्या | श्राथर्वण, ( पं . ) वेद जो अथर्व मुनि को मिला। जो अथर्ववेद को जानता हो। अथर्व वेदविहित अभिचार आदि धर्म अथर्व वेद के अनुसार क्रिया करने वाला पुरोहित | आदर, (पुं. ) सम्मान | प्रतिष्ठा । आदर्श, (पुं.) दर्पण | बट्टा | टीका | प्रतिरूप | बानगी । पुस्तक | आदान, (न.) ग्रहण करना । लेना । घोड़े के गहने ।
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