पृष्ठम्:चम्पूरामायणम् (साहित्यमन्ज्जूषाव्याख्यासहितम्).pdf/३८३

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लोकानां सूची। ३११ का० ग्लो० को का. लो. मनिशापवृत्तोपात अयोध्या ५९ राम राममुपाश्रमिष्यवि अयोध्या १४ अध्यौवनापारमाण अयोध्या ५१गपतमाह विमत रजनी युद्ध १५ मुक्त हिंग वाल ३९ रामावर्षणमभकामुक वाल १४ बाचीतितिाकायते चाल १०६ | समानुसाररवनिमत सदोम्या ४६ यनो मुधा भरवि पत्र युद्ध | | रामाश्रमाद्विगतलक्ष्मण अरण्य २८ यन कान्ता न पश्यति अरल १४ | रामासादवितेपु युद्ध ५९ यत्र कान्तर्विशुतताना विशिघा २ | रामे पाहुबर वियति बात १.३ या यया यपवरान अयोध्या ४३ | राने विदेहातया दर अयोध्या ५. यचितमलो मायाशीलम् गुह ७५ | दापि सन्तमनुगमति अयोध्या ३४ सवाहुराहुरसनाविन वाल २० | घा विरिखमुरिष्ठ पुन २४ वचकुरे पुर पश्यन् युद्ध 1.1 | रेसारपारसरवीरुट अमोघ्या २८ अस्ति कोरूमपूर्व अरग्न ३८ स्मगानुगत गनचन्द्र गुद्ध ४५ मा तु न पश्यों सपा परम ४ स्मा तनोनु नितरा वह चान दासपनवेल या युद्ध १३ लहादहियनाता गुन्दर ६५ यामेवाहनिपिनको योध्या रसापुरोपवनसरन्वय मुन्दर ७४ आपदा पुर पुरदर युद्ध ४६ रसायदादिविसावर बाल ११६ आ वीक्षितानि पुरा चम बुद्ध ११, गवण्याम्नुनिधेरसुध्य अरण्य १८ चुप गुभयोयाल ११४ तोशतरपयिन र अरण्य ४० सुमहातावास्वाद मिष्किन्धा ! वल्प कठोरहदवे नयना अयोध्या १५ रदारसुन्दरीजममुझे हुन्दर ६१ वनचर इव गाम मैथिली अयोध्या ६४ योग वितबार हनूनति कि घा ९ | वनभुवि जनमाननान अयोध्या २५ योगेन रन्कोच पुलाम बलि १५ घनमेतले सने बाल ९९ रक्ष ते रघुरते मुद ३५ [ ववितधिनचापवति युद्ध रस पता पता लय बुद्ध ८८ | वरयिनतरदेशवाहिनीना जुद्ध २९ रक्षा सघनताना गुन्दर ३८ | बरसा पयार पार ५२ इन झीदनारमिन्द मुन्दर ५७ जांच निशम्ब मावान् दाल ५ रखौवध प्रहात इलम अरण्य वाचालिदानी किमु अन्दर ६५ रोवरोधपति बुद्ध ३. घाणीविलानपरत वात खुलन यस्तो विदित युद्ध ३५ वाला वसूलाता युद्ध . एपरिचापपोपलमयो विषा १२ | वारिदादपि च राम युद्ध सरजनिचरमभाग बार मन्दर १५ वास्नी किगीतर चाल रखे तब दाही रभस सुख ४ बारिपचा गवत किंचन अयोध्या २७ रहतमा रजनीचरेद्र शुद्ध १२ | विघ्तरमशेरस्टम् युद्ध राश सापट क्षिप्त परम्भ १३ | विच्छिमारामबाधे युर ५८ रानन्यधीशोऽपि युग ९३ विधयेक राज्या बाल ११५