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सोदाहरणसटिप्पणहिन्दी टीक खहितः । यदि काशी से अन्यत्र का तिथि-नकूत्र-योगों का मान, दिनमान इष्ट काल और स्पष्टप्रह जानना हो तो देशान्तरसारणी, क्रान्तिसारणी और चरखारणों की सहायता से चाहे जहाँ का तिथ्यादि का मान निकाळा जा सकता है। यदि कलकत्ते का तिथ्यादिमानानयन जानता है तो देशान्तर सार से कळकर्ते का अक्षांश २२°३६' और काशी से पूर्व पलात्मक ६६० देशान्तर जान कर अरू रख लिया। फिर सायनसूर्ये ०१२°१२९/२९ । पर से क्रान्तिसारणी की सहायदः से स्पष्ट उतरा क्रान्ति का ४°१४५६७ का ज्ञान कर लिया। अब इस उत्तरा क्रांन्ति 8°1४४।१७। और अक्षांश २२°n३६ पर से चरसरणी द्वारा चर का शल करने के लिये पहुठे २२° अक्षांश में ४° क्रांत्यंश का चर = १६११ , ६° फ्रांत्यंश का चर २= १०१५ ६० कला में अन्तर = ५१ ४ इल पर त (स्वल्पान्तर से) ४६कला नन्ति में नैराशक गणित द्वारा अन्तर = ३३ इसको ४° क्रान्ति के चर में जोड़ देने से २२° अक्षांश में ४°४१' क्रान्ति को चर = १९१४ 9 । २३° अक्षांश में ४° क्रांस्यं को घर = १७० १° क्रांत्यंश का चर = १११७ ६० कला में अन्तर = ४१७ इस पर से पूर्ववत् त्रैराशिक द्वारा ४६९ शान्ति में अन्तर= ३।१३ इसको ४° ¥न्ति में जोड़ने से २३° अक्षांश में ४°४५' नान्ति कुछ चर = २०११ उसके बाद् २३° अक्षांश में चर = १ ११४ २३° अक्षांश में चर= २०१७ ६ २ कला में अन्तर = १३ फिर नैशशिक से ३६° अक्षांश में अन्तर = ०/३७ ( स्वरूपान्तर से ) इसका २३° अक्षांश के चर में जोड़ देने से कलकत्ते में उस दिन का स्पष्ट बर